राज कुंद्रा केस में मिसिंग है ‘लालच देने’ एंगल; कोर्ट ने बेल देते हुए कहा- ‘सुनवाई पूरी होने तक, जेल में रखना होगा गलत’

    राज कुंद्रा केस में मिसिंग है ‘लालच देने’ एंगल

    राज कुंद्रा केस में मिसिंग है ‘लालच देने’ एंगल; कोर्ट ने बेल देते हुए कहा- ‘सुनवाई पूरी होने तक, जेल में रखना होगा गलत’

    बिजनेसमैन राज कुंद्रा मंगलवार को, मुंबई की आर्थर रोड जेल से रिहा होकर अपने घर पहुंच गए। उन्हें सोमवार को कोर्ट ने बेल दी थी और कल, जेल में 64 रात बिताने के बाद, उन्हें रिहा किया गया। लेकिन कोर्ट ने राज को बेल देते हुए जो टिप्पणी की है उसके आधार पर देखा जाए तो उन्हें शायद अब हाल-फ़िलहाल जेल जान भी न पड़े।

    राज कुंद्रा केस में मिसिंग है ‘लालच देने’ एंगल; कोर्ट ने बेल देते हुए कहा- ‘सुनवाई पूरी होने तक, जेल में रखना होगा गलत’

    मंगलवार को 4 पेज का, कोर्ट का आधेश उपलब्ध करवाया गया जिसके अनुसार, चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपाले ने दर्ज किया कि आरोपियों के सभी सर्वर, लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन पुलिस कस्टडी में हैं और सबूतों से छेड़छाड़ की कोई सम्भावना नहीं है।

    उन्होंने कहा, “तत्काल, सभी आरोपियों को ज़मानत पार रिहा किया जाता है, केवल इस आधार पर कि जांच अभी जारी है, उन्हें सुनवाई के फैसले तक सलाखों के पीछे नहीं रखा जा सकता”। मजिस्ट्रेट ने आगे कहा, “आरोपियों को हिरासत में रखना गलत होगा, जबकि वो अपनी पेशी की ज़मानत देने के लिए तैयार हैं”।

    एडवोकेट स्वप्निल अम्बुरे और प्रशांत पाटिल ने अपना तर्क रखते हुए कहा था कि कुंद्रा और उनके सहयोगी रयान थोर्प आपत्तिजनक कंटेंट को अपलोड करने और ब्रॉडकास्ट करने से कोई सम्बन्ध नहीं रखते।