रश्मि रॉकेट: तापसी की फिल्म से मिलती है इन भारतीय फीमेल एथलीट्स की कहानी; ‘मर्द’ होने के शक में हुआ जेंडर टेस्ट!

    रश्मि रॉकेट: तापसी की फिल्म से मिलती है इन भारतीय फीमेल एथलीट्स की कहानी

    रश्मि रॉकेट: तापसी की फिल्म से मिलती है इन भारतीय फीमेल एथलीट्स की कहानी; ‘मर्द’ होने के शक में हुआ जेंडर टेस्ट!

    तापसी पन्नू की फिल्म ‘रश्मि रॉकेट’ का ट्रेलर हाल ही में आया और, जैसा कि उनकी हर फिल्म के साथ होता है, आते ही इन्टरनेट पर छा गया। हर बार की तरह तापसी की फिल्म एक ऐसे मुद्दे को उठा रही है, जो चर्चा में तो कई बार रहा और खूब अच्छे से रहा मगर इसका सॉलिड हल कुछ नहीं निकला।

    ‘रश्मि रॉकेट’ में तापसी का किरदार एक एथलीट का है जो बहुत छोटी सी जगह से निकलकर, अपना जी जान झोंक देती है। खुद के लिए नाम कमाती है और देश के लिए मैडल। लेकिन इस मेहनत करने ने उसे दिखने में इतना कठोर बना दिया है कि अब उसके लड़की होने पर ही सवाल खड़ा किया जाने लगा है। शक है कि इतनी एथलेटिक्स में इतने ज़ोरदार रिकॉर्ड बनाने वाली ये लड़की, कहीं अन्दर से ‘मर्द’ तो नहीं?

    अगर आप ख़बरें फॉलो करते हैं, तो आपको पता होगा कि ऐसा सच में होता है। और हमारे देश की ही फीमेल एथलीट्स के साथ एक नहीं, कई बार हुआ है। आइए आपको बताते हैं उन इंडियन फीमेल एथलीट्स के बारे में जिनकी कहानी से तापसी की फिल्म ‘रश्मि रॉकेट’ की कहानी काफी मेल खाती है:

    संथी सौंदराजन

    रश्मि रॉकेट: तापसी की फिल्म से मिलती है इन भारतीय फीमेल एथलीट्स की कहानी; ‘मर्द’ होने के शक में हुआ जेंडर टेस्ट!

    तमिलनाडु के एक छोटे से गांव से संथी दौड़ने का शौक और नाम कमाने का सपना लेकर निकली थीं। विदेशों से भारत के लिए 12 मेडल लाने वालीं संथी पर 2006 में ये सवाल उठा दिया गया कि वो महिला ही नहीं हैं! दोहा के एशियाई गेम्स में जीता उनका सिल्वर मेडल 2 दिन में छिन गया।

    संथी ने सोचा कोचिंग देकर अप्नाजीवन चला लेंगी मगर वहां भी, योग्यता और डिप्लोमा होने के बावजूद उन्हें परमानेंट जॉब नहीं मिली। 10 साल चली लड़ाई और हाई कोर्ट के आदेश के बाद संथी को 2016 में परमानेंट कोच अपॉइंट किया गया।

    दुति चंद

    रश्मि रॉकेट: तापसी की फिल्म से मिलती है इन भारतीय फीमेल एथलीट्स की कहानी; ‘मर्द’ होने के शक में हुआ जेंडर टेस्ट!

    ओड़िशा से आने वाली दुति चंद को इंडिया के लिए ओलंपिक मेडल लाने की आस से देखा जा रहा था। मगर आखिरी मौके पर उन्हें 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स से बाहर कर दिया गया। कारण बताया गया- हाइपरएंड्रोजेनिज्म। यानी शरीर में पुरुष-हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन का बढ़ जाना।

    दुति के जेंडर पर सवाल खड़ा हो गया, कि वो लड़की हैं या लड़का? आख़िरकार दुति अपने ऊपर लगे बैन के खिलाफ ‘कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) पहुंचीं, जहां फैसला उनके पक्ष में आया।

    पिंकी प्रमाणिक

    रश्मि रॉकेट: तापसी की फिल्म से मिलती है इन भारतीय फीमेल एथलीट्स की कहानी; ‘मर्द’ होने के शक में हुआ जेंडर टेस्ट!

    राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं में देश के लिए की मैडल ला चुकीं पिंकी तब विवादों में आईं जब 2012 में उनकी एक महिला मित्र ने उन्हें ‘मर्द’ बताते उए उनपर रेप का आरोप लगाया। देशभर के अखबारों में पिंकी की फजीहत हुई, उन्हें 25 दिन तक जेल में रखा गया। हालांकि 2014 में उनपर लगे सारे आरोप गलत साबित हुए।

    एक इंटरव्यू में पिंकी ने खुलासा किया कि उनपर आरोप लगाने वाली महिला उनकी पार्टनर नहीं थी और पहले से शादीशुदा होने के साथ-साथ एक बच्चे की मां भी थी। उसके पास पिंकी की न्यूड तस्वीर थी जिसके दम पर वो उन्हें ब्लैकमेल करती रही। पिंकी ने बताया कि जेल में उन्हें मर्दों के साथ रखा गया और उनके साथ बदसलूकी की गई।

    दरअसल, बाकी महिला खिलाड़ियों की तरह अपनी परफॉरमेंस सुधारने के लिए वो भी टेस्टोस्टेरॉन के इंजेक्शन लेती थीं जिससे वो दिखने में एक पुरुष की तरह लगने लगी थीं।