सोनू सूद हर दिन महसूस करते हैं मजबूर, बोले- ये किस देश में रह रहे हैं हम?

    सोनू सूद बोले- ये किस देश में रह रहे हैं हम?

    सोनू सूद हर दिन महसूस करते हैं मजबूर, बोले- ये किस देश में रह रहे हैं हम?

    सोनू सूद वो बॉलीवुड एक्टर हैं जिन्हें लोग मसीहा मानने लगे हैं। पिछले साल कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से परेशां लोगों की मदद के लिए सोनू दिल खोलकर सामने आए थे। उन्होंने लोगों को उनके घर पहुंचाने से लेकर उनके लिए रोज़गार, खाने, इलाज और बच्चों के लिए शिक्षा तक की व्यवस्था की थी। इस बार कोरोना की कहर ढाती दूसरी लहर के बीच भी सोनू एक पिलर बनकर खड़े हैं और लोगों की अथक मदद कर रहे हैं। लेकिन इसी पुरे दौर की नाकामियां उनपर भी भारी तो पड़ ही रही हैं। सोनू ने जर्नलिस्ट बरखा दत्त से बात करते हुए बताया कि लोगों की मदद के लिए भरपूर ज़ोर लगाने के बावजूद उन्हें बहुत मजबूर महसूस होता है। सोनू ने कहा, ‘मैं रात को किसी के लिए बड़ी कोशिश करता हूँ बेड दिलवाने के लिए, रेमदेसिविर दिलाने के लिए, और जब मुझे मिलता है मैं बोलता हूँ बॉस मिल गया। तो पता चलता है कि वो नहीं रहे। लोग कहते हैं कि सर आप लेट हो गए। वो तो अरेंज नहीं करवा सके, लेकिन ऐसा कर दीजिए कि हम इसका अंतिम संस्कार आराम से कर सकें’।

    यहां देखिए सोनू की बातचीत:

    सोनू ने बताया कि उन्हें दिन में कई कॉल्स ऐसे आते हैं जहाँ लोगों के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं बचते क्योंकि सब कुछ तो इलाज में खर्च हो गया। सोनू ने कहा कि उन्हें रोज़ लोगों की परेशानियाँ पता चलती हैं और वो मदद न कर पाने पर बहुत मजबूर महसूस करते हैं और लगता है कि ‘ये किस देश में रह रहे हैं हम’।