सोनू सूद ने बताया कैसे करियर की शुरुआत में उन्हें अपनी ही फिल्मों के पोस्टर्स से निकाल दिया जाता था

    सोनू सूद को अपनी ही फिल्मों के पोस्टर्स से निकाल दिया जाता था

    सोनू सूद ने बताया कैसे करियर की शुरुआत में उन्हें अपनी ही फिल्मों के पोस्टर्स से निकाल दिया जाता था

    हमारी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री अब तक के सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रही है। ड्रग्स को लेकर हर रोज़ नया खुलासा हो रहा है। वहीं यौन शोषण के आरोप, मूवी माफिया जैसे आरोप पहले से इंडस्ट्री झेल रही है। अपने साथ हुए बुरे व्यव्हार और नेपोस्टिज्म झेल चुके कलाकार आपबीती बता रहे हैं। ऐसे में लोगों के लिए मसीहा बन कर सामने आये सोनू सूद ने भी अपने साथ हुए बुरे व्यव्हार पर चुप्पी तोड़ी है।

    सोनू सूद ने जी न्यूज के साथ बातचीत में बताया कि कैसे करियर के शुरुआती दौर में उन्हें उनकी ही फिल्मों के पोस्टर्स में जगह नहीं दी जाती थी, पोस्टर्स से उन्हें निकाल दिया जाता था। सोनू कहते हैं- 'मैं फिल्म फैमिली से नहीं हूं। जब मैंने इंडस्ट्री में प्रवेश किया तो ऐसी कई फिल्में थीं, जिनके पोस्टर्स में मुझे होना चाहिए थे लेकिन मुझे हटा दिया गया। ऐसे में सिर्फ दो ही रास्ते हैं, या तो मैं पोस्टर पर नहीं होने, रोल में कटौती के बारे में शिकायत कर सकता हूं कि या फिर कड़ी मेहनत करके मैं इस योग्य बन जाऊं कि लोग कहें कि मैं पोस्टर्स में होने का हकदार हूं।'

    सोनू ने आगे कहा कि जिसके पास पावर होता है वह हमेशा इसका इस्तेमाल करेगा। चाहे वह बॉलीवुड हो, कॉर्पोरेट वर्ल्ड या फिर क्लॉथ शॉप। शक्तिशाली शख्स हमेशा नीचे वालों को दबाने की कोशिश करेगा। ऐसे में आपको इससे उबरने के लिए पावर की जरूरत है। बता दें, सोनू सूद इस कोरोना महामारी में लोगों के लिए मसीहा बन कर सामने आये। गरीबों को बस ट्रेन और फ्लाइट के जरिये उनके घर, गाँव पहुंचाना हो या जरूरतमंद परिवार को ट्रैक्टर देना। पूरे देश में सोनू सूद के इन कार्यों की तारीफ हो रही है।