इन 7 वजहों से 'शक्तिमान' आज भी हमारा फेवरेट सुपरहीरो है !
आज टीवी पर बहुत सारे शोज़ की भरमार है और किसी भी वक़्त टीवी खोलने पर कोई न कोई टीवी शो चलता ही रहता है। एक ही चैनल नहीं, आज टीवी पर ढेरों ऐसे चैनल हैं जिनपर एक से बढ़कर एक मजेदार प्रोग्राम आते रहते हैं। लेकिन 90s में बड़े हुए लोगों को आज भी अपना दौर नहीं भूलता, जब टीवी पर एक ही चैनल सबसे ज़्यादा देखा जाता था और वो था डीडी नेशनल।
उस दौर में टीवी पर गिने चुने ही सीरियल आते थे, लेकिन सब सीरियल ऑडियंस के फेवरेट हुआ करते थे। आज टीवी पर बच्चों के लिए भले ही कई प्रोग्राम बना दिए गए हों, लेकिन आज भी कोई टीवी शो ‘शक्तिमान’ की जगह नहीं ले सकता। मुकेश खन्ना का ‘शक्तिमान’ वो शो था जो हम सभी के बचपन का अटूट हिस्सा रहा है और आज भी लोग ‘शक्तिमान’ को बहुत दिल से याद करते हैं।
आइए आपको बताते हैं वो बातें जिनकी वजह से ‘शक्तिमान’ बहुत पॉपुलर था और लोग उसे आज भी याद करते हैं-
1. इंडिया का पहला सुपरहीरो
आज लोग सुपरहीरोज़ के नाम पर ज़्यादातर विदेशी सुपरहीरो के ही नाम जानते हैं, लेकिन 90s में ही भारत के पास ‘शक्तिमान’ के रूप में अपना देसी सुपरहीरो था। टीवी पर फिक्शन शोज़ और म्यूजिक शोज़ के दौर में एक सुपरहीरो को देखना बच्चों के लिए बहुत अनमोल एहसास था। यही कारण था कि सन्डे के दिन 12 बजे बच्चे और बड़े सब, अपने सारे काम छोड़कर टीवी के आगे जुट जाते थे।
2. मुकेश खन्ना बिल्कुल इंडियन सुपरहीरो थे
‘शक्तिमान’ का रोल करने वाले मुकेश खन्ना एकदम आम इंडियन नज़र आते थे। आम हिन्दुस्तानियों की तरह उनके बाल भी साइड में होते थे और उनकी कोई बहुत शानदार बॉडी भी नहीं थी, शायद यही वजह थी कि आम लोगों को उनसे एक कनेक्ट महसूस होता था। उनके बोलने के लहजे से लेकर, उनके डायलॉग तक सबकुछ बहुत सिंपल था और इंडियन ऑडियंस को अपने साथ जोड़ता था।
3. तमराज किलविष
कोई हीरो उतना ही मज़बूत नज़र आता है, जितना मज़बूत विलेन उसके सामने होता है। और तमराज किलविष बिल्कुल उतना ही मायावी था कि ‘शक्तिमान’ को उससे जूझना पड़े। तमराज किलविष बुरा था, बल्कि बहुत बुरा, इसीलिए शक्तिमान उसके आगे बहुत अच्छा नज़र आता था। और कितने ही मौके तो ऐसे आए जब ‘किलविष’ ने ‘शक्तिमान’ को बस हरा ही दिया था, लेकिन ‘शक्तिमान’ को कौन हरा सकता है भला !
4. गंगाधर
शक्तिमान में सिर्फ एक्शन ही नहीं था, बल्कि कॉमेडी भी शानदार थी और कॉमेडी के लिए ‘शक्तिमान’ में थे ‘पंडित गंगाधर विद्याधर मायाधर ओमकारनाथ शास्त्री।’ दरअसल, बात ये थी कि ‘शक्तिमान’ बुराइयों से लड़ता था। लेकिन बुराइयों का पता लगाने के लिए दुनिया में तो रहना पड़ता है न। तो ‘शक्तिमान’ ही थोड़ा बुद्धू सा ‘गंगाधर’ बनकर आम लोगों में रहता था।
5. गीता विश्वास
‘गीता विश्वास’ बहुत तेज़ तर्रार पत्रकार थीं और ‘गंगाधर’ की सीनियर भी। ‘गीता जी’ को बुराइयों से बहुत नफरत थी और सबसे बड़ी बात ‘शक्तिमान’ उनका बहुत साथ देता था। ‘गीता जी’ ने ही ये चौंकाने वाली खबर खोजकर निकाली थी कि ‘गंगाधर ही शक्तिमान है।’
6. छोटी-छोटी मगर मोटी बातें
‘शक्तिमान’ के लास्ट में एक छोटा सा सेगमेंट आता था ‘छोटी-छोटी मगर मोटी बातें।’ इस सेगमेंट में शक्तिमान बच्चों को गलतियां करते हुए पकड़ लेते थे और फिर उन्हें अच्छी बातें सिखा देते थे। बच्चे हमेशा शक्तिमान से माफ़ी मांगते हुए कहते ‘सॉरी शक्तिमान’, जो आगे चलकर अपने-आप में एक मुहावरा बन गया।
7. स्पेशल इफ़ेक्ट
‘शक्तिमान’ के स्पेशल इफ़ेक्ट देखकर आज भले किसी को हंसी आ जाए, लेकिन इस शो के स्पेशल इफ़ेक्ट अपने वक़्त में भयंकर पॉपुलर थे। आखिरकार ये पहला शो था, जिसमें इस लेवल के स्पेशल इफ़ेक्ट दिखाए गए थे। खासकर, जिस तरह शक्तिमान घूमता हुआ उड़ता था, बच्चे उसकी बहुत नक़ल करते थे।