मुसद्दीलाल: टीवी का वो किरदार जो आम आदमी का आईना था !
टीवी पर अब तक जाने कितने ही शोज़ टेलीकास्ट हो कर बंद हो चुके, मगर बंद हो चुके शोज़ में से कुछ गिने-चुने शोज़ ही ऐसे हैं जिनके नाम आज तक लोगों को याद हैं। और कुछ शोज़ तो ऐसे भी हैं, जिन्हें आज भी लोग टीवी पर फिर से टेलीकास्ट होते देखना चाहते हैं। ऐसा ही एक शो था ‘ऑफिस ऑफिस।’ ये शो 2001 में टीवी पर आना शुरू हुआ था और जब तक चला, तब तक लोग इस शो के ज़बरदस्त फैन रहे। कमाल की बात तो ये है कि इस शो का मुख्य किरदार ‘मुसद्दीलाल’ आज तक लोगों को याद है। मुसद्दीलाल वो किरदार था जो आज तक लोगों के दिमाग में है। इस किरदार को निभाने वाले एक्टर पंकज कपूर, उन गिने-चुने बॉलीवुड एक्टर्स में से हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ उनकी एक्टिंग के लिए याद किया जाता है।
आइए आपको बताते हैं ऐसा क्या खास था मुसद्दीलाल में, जो आज भी ये किरदार लोगों को इतना पसंद है-
1. आम आदमीपन
मुसद्दीलाल से पहले भी आम आदमी के किरदार टीवी पर आ चुके थे, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं ऐसा लग ही जाता था कि ये कल्पना है, हकीकत नहीं। पंकज कपूर की एक्टिंग की सबसे बड़ी खासियत यही थी कि वो बेहद सादे लग सकते थे। इतने सादे कि हर दर्शक को लगता कि उसने मुसद्दीलाल को कहीं न कहीं आसपास देखा है।
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2. बोली और लहजा
‘ऑफिस ऑफिस’ से पहले कभी आम आदमी को टीवी पर नहीं दिखाया गया हो, ऐसा बिल्कुल भी नहीं। लेकिन पंकज कपूर अपने अभिनय में एक चीज़ साथ लाए थे, वो था बिखरा हुआ सा लहजा। उनकी बोली और भाषा ऐसी थी, जिसे लोग खुद जैसा समझते थे। उदाहरण के लिए, अधिकतर एपिसोड्स में पंकज की शर्ट, पैंट के बाहर ही रहती थी।
3. आम समस्याएं
मुसद्दीलाल की सबसे बड़ी खासियत ये थी कि उसे ये मतलब नहीं था कि अगले चुनाव में क्या होने वाला है, ना ही उसे विदेश नीति में कोई दिलचस्पी थी। उसकी समस्याएं वही थीं जो किसी बस्ती में रहने वाले एक आम आदमी की थी, जैसे पानी न आना।
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4. हंसी
यही वो वजह है जिसने मुसद्दीलाल को सबसे ज़्यादा मजेदार बनाया था। मुसद्दी को समस्याएं तो बहुत होती थीं, लेकिन वो कभी रोता नहीं था और न ही गुस्सा होता था। वो नाराज़ तो था, मगर उसकी नाराजगी आंसू बनकर नहीं, चुभने वाले शब्द बनकर निकलती थी। मुसद्दी की बातें ऐसी थीं कि एक बार तो सुनकर हंसी आती थी, लेकिन गौर से सोचने पर पता चलता था कि ये बातें तीर से भी गहरा घाव करती हैं।