फ़रहान अख़्तर: वो बॉलीवुड स्टार जो अकेले पूरी फ़िल्म बना सकता है!

    फ़रहान अख़्तर: वो बॉलीवुड स्टार जो अकेले पूरी फ़िल्म बना सकता है!

    साल 1991 में अनिल कपूर और श्रीदेवी की फ़िल्म 'लम्हे' रिलीज़ हुई। इस फिल्म को इसकी स्टोरी और गानों के साथ-साथ इसलिए भी याद किया जाता है क्योंकि ये अकेली फ़िल्म थी जिसमें अनिल कपूर 'मूछों के बिना' नज़र आए थे। 

    फ़रहान अख़्तर: वो बॉलीवुड स्टार जो अकेले पूरी फ़िल्म बना सकता है!

    इस फ़िल्म के सेट पर 17 साल का एक लड़का असिस्टेंट डायरेक्टर था। उसका इंट्रो ये था कि वो मशहूर लिरिसिस्ट और शोले जैसी फिल्मों के स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख़्तर का बेटा है, नाम है- फरहान अख़्तर। उस वक़्त किसी को नहीं पता था कि एक ऐसा भी वक़्त आने वाला है जब एक पूरी की पूरी जेनरेशन को जावेद साहब का इंट्रो ये पता होगा कि वो फ़रहान अख्तर के पापा हैं। 

    फ़रहान अख़्तर: वो बॉलीवुड स्टार जो अकेले पूरी फ़िल्म बना सकता है!

    फरहान अख़्तर लम्हे के अलावा एक और फ़िल्म 'हिमालय पुत्र' (अक्षय खन्ना की डेब्यू फ़िल्म) में भी असिस्टेंट डायरेक्टर थे। इसके बाद घर वालों ने उन्हें लॉ पढ़ने के लिए मुंबई के एच आर कॉलेज भेज दिया गया। फ़रहान का मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था इसलिए वो क्लास लेने ही नहीं जाते थे। कॉलेज में जब एग्जाम का टाइम आया तो फरहान की अटेंडेंस शॉर्ट निकली और उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया।

    कॉलेज बंद- काम बंद और फ़रहान पूरी तरह से घर पर मौज मारने लगे। इस हरकत से उनकी मां हनी को गुस्सा आ गया और उन्होंने फ़रहान को हड़का होते हुए साफ़-साफ़ कह दिया कि अगर उन्होंने जल्द ही कोई काम करना नहीं शुरू किया तो उन्हें घर से भी निकाल दिया जाएगा। ये फ़रहान की ज़िंदगी का टर्निग पॉइंट था। मां से धमकी मिलने के बाद फ़रहान ने एक स्क्रिप्ट लिखनी शुरू की। स्क्रिप्ट पूरी हुई तो सवाल ये उठा कि फिल्म के प्रोडक्शन लिए कहाँ जाएं। फ़रहान ने स्कूल के अपने दोस्त रितेश सिधवानी को स्क्रिप्ट पढ़ाई। 

    फ़रहान अख़्तर: वो बॉलीवुड स्टार जो अकेले पूरी फ़िल्म बना सकता है!

    रितेश को स्क्रिप्ट पसंद आई और उन्होंने फ़रहान के साथ मिलकर 'एक्सेल एंटरटेनमेंट' नाम से प्रोडक्शन हाउस खोल लिया। फिल्म में काम करने के लिए फ़रहान ने सीधा आमिर खान अप्रोच किया, बाद में इसमें सैफ अली खान अली खान और अक्षय खन्ना को भी कास्ट कर लिया। फ़िल्म का नाम था 'दिल चाहता है।' 

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    2001 में आई 'दिल चाहता है' को ऑडियंस और क्रिटिक्स दोनों ने बहुत पसंद किया और फ़िल्म को 'बेस्ट फ़िल्म' का नेशनल अवार्ड भी मिला। यहाँ से बॉलीवुड में यंगस्टर्स पर फिल्म बनाने का नया ट्रेंड शुरू हुआ और फरहान अख़्तर की पहचान एक बेहतरीन डायरेक्टर के रूप में होने लगी। फ़रहान का अगला प्रोजेक्ट था ‘लक्ष्य’ जिसमें मेन रोल में उन्होंने कास्ट किया ऋतिक रोशन को। ऋतिक की परफॉरमेंस और फ़रहान की स्टोरी ने ऑडियंस को एक बार फिर पंजों पर खड़ा कर दिया। 

    फ़रहान अख़्तर: वो बॉलीवुड स्टार जो अकेले पूरी फ़िल्म बना सकता है!

    आपको बता दें कि इस फिल्म को किसी ‘वॉर मूवी’ की तरह नहीं, एक लड़के की कहानी की तरह देखिए जिसे एक दिन अचानक एहसास होता है कि उसे जिंदगी में कुछ करना है और वो आर्मी में चला जाता है। इस नज़र से देखने पर आपको पता चलेगा कि ये फ़रहान की अपनी कहानी है। फ़रहान सिर्फ डायरेक्टर ही नहीं रहे, उन्होंने गाने लिखने भी शुरू किए। फ़रहान ने सबसे पहले गुरिंदर चड्ढा की इंग्लिश फ़िल्म ‘ब्राइड एंड प्रेज्यूडिस’ के लिए अपनी बहन ज़ोया के साथ मिलकर गाने लिखे। 

    फ़रहान अख़्तर: वो बॉलीवुड स्टार जो अकेले पूरी फ़िल्म बना सकता है!

    फ़रहान जब एक्टिंग करने उतरे तब उन्होंने इस फील्ड को भी भरपूर एक्स्प्लोर किया। जब उन्होंने ‘रॉक ऑन’ में एक सिंगर का रोल प्ले किया तो अपने गाने खुद गाए। फ़रहान की ‘हस्की’ आवाज़ ने एक और नया ट्रेंड सेट किया। अब गाने के ज़रूरी नहीं था कि आपकी आवाज़ मेलोडियस ही हो। ‘रॉक ऑन’ जैसी म्यूजिकल से स्क्रीन पर आने वाले फ़रहान ने जब राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फ़िल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ (एथलीट मिल्खा सिंह की बायोपिक) साईन की तो सबको ये डाउट हुआ कि वो इस किरदार के साथ न्याय कर भी पाएंगे या नहीं। 

    फ़रहान अख़्तर: वो बॉलीवुड स्टार जो अकेले पूरी फ़िल्म बना सकता है!

    लेकिन जब फ़िल्म रिलीज़ हुई तो खुद मिल्खा सिंह ने कहा कि फ़रहान से बेहतर इस रोल को कोई नहीं कर सकता था।

    फ़रहान अख्तर जैसे लोग एक दिन में नहीं तैयार होते। फ़रहान ने अपने हर कदम पर एक नया स्ट्रगल जिया है और एक नया ट्रेंड सेट किया। फ़रहान सिर्फ़ टैलेंटेड नहीं हैं, वो अपने आप में टैलेंट की खान हैं और कहना गलत नहीं होगा कि वो अपने ही दम पर पूरी फ़िल्म बना सकते हैं।