अर्जुन पटियाला रिव्यू: दिलजीत ने तो दिल जीत लिया, लेकिन फीकी पड़ गई फिल्म !
- रिव्यू
- अपडेट:
- लेखक: रोहित मौर्य (एडिटोरियल टीम)
मूवी: अर्जुन पटियाला
रेटेड : 2.0/5.0
कास्ट : Kriti Sanon, वरुण शर्मा
डायरेक्टर : Rohit Jugraj
मूवी: अर्जुन पटियाला
रेटेड : 2/5
कास्ट : दिलजीत दोसांझ, कृति सेनन, वरुण शर्मा
डायरेक्टर : रोहित जुगराज चौहान
‘अर्जुन पटियाला’ देखने से पहले अपना इंशोरेंस ज़रूर करवा लें, क्योंकि हंसते हंसते आपकी मौत हो सकती है। और ये हंसी आपको फिल्म पर नहीं, खुद पर आएगी ! दिलजीत दोसांझ की ये फिल्म एक बेहतरीन मर्डर मिस्ट्री है। शुरुआत से लेकर अंत तक आपको समझ ही नहीं आता कि मर्डर आखिर किया किसने !
कहानी ये है कि एक राइटर ने दारू पी ली, फिर भंड होकर आप हम जो सबकुछ बोलते हैं वो सबकुछ उसने एक रफ़ रजिस्टर में लिख लिया। फिर प्रोड्यूसर के पास गया, प्रोड्यूसर न जाने किस चीज़ पर हाई थे, वो पैसे लगाने को राज़ी हो गए। फिर इसी तरह एक डायरेक्टर भी टकरा गया। कहानी आगे बढ़ी और फिल्म बनी। शुरू के आधे घंटे में ही स्क्रिप्ट की ह्त्या हो गयी। फिल्म के लास्ट तक आप हाथ में अपना टिकट देखते बैठे रहेंगे मगर मजाल है कि आपको समझ आए। आखिर स्क्रिप्ट की ह्त्या किसने की ?
आप टिकट से नज़र उठाते हैं और खुद से पूछते हैं मैं जिंदा क्यों हूं अभी। लेकिन फिर आपको आयुष्मान खुराना की आवाज़ में डायलॉग सुनाई देता है- हत्या तो आपकी हो चुकी है आलरेडी। बस आपको पता नहीं है !

‘अर्जुन पटियाला’ में अकेली चीज़ जो सही है वो है दिलजीत दोसांझ! भाई हमारा इन्ना क्यूट है, इन्ना सेट है उसकी कॉमिक टाइमिंग भी इन्नी सही है। मगर वो वेस्ट हो गया। अगर ऐसे ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब भाई को लोग ख़राब फिल्मों का ज़बरदस्त एक्टर बोलने लगेंगे। ‘उड़ता पंजाब छोड़ दें। तो बन्दे की सारी फिल्मों का यही हाल है। इतना सही एक्टर है यार लोग इसे ढंग की फ़िल्में क्यों नहीं दे रहे! कृति सेनन ‘अर्जुन पटियाला’ में वही कर रही हैं जो वो बहुत अच्छा करती हैं- खूबसूरत दिखना।
लेकिन, दिक्कत ये है कि खूबसूरत कृति देखने के लिए तो हम फोटो भी देख सकते हैं न, या फिर गाने ! तो फिर फिल्म में क्यों बर्दाश्त करें ! वरुण शर्मा अपनी जगह सही हैं, मगर वो जगह क्या है, ये फिल्म में डिफाइन ही नहीं है ! और जय हो स्क्रिप्ट विनाशक, एंटरटेनमेंट हर्ता, एक्टर हन्ता प्रभु, डायरेक्टर रोहित जुगराज की ! अच्छा खासा टैलेंट लेकर बे-सर पैर की फिल्म बनाने के लिए जो टैलेंट चाहिए, वो भाई में भरपूर है।

हाल ही में पंजाबी फ्लेवर वाली ये शायद पहली फिल्म होगी जिसमें एक ढंग का गाना नहीं है ! लेकिन, ये फिल्म स्टाइल में बहुत अच्छी है, इस स्टाइल के साथ कितनी बेहतरीन कॉमेडी बन सकती थी मगर... मगर अब जो हुआ सो हुआ, क्या कीजिएगा! कुल मिलाकर ‘अर्जुन पटियाला’ में बस एक ही चीज़ देखने लायक है दिलजीत दोसांझ।
देखिये सभी दर्शकों की रेटिंगअर्जुन पटियाला
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