बागी 3 रिव्यू: टाइगर और श्रद्धा की ये फ़िल्म देखने के बाद ज़हर मीठा लगने लगेगा!
- रिव्यू
- अपडेट:
- लेखक: Subodh Mishra (एडिटोरियल टीम)
मूवी: Baaghi 3
रेटेड : 1.0/5.0
कास्ट : टाइगर श्रॉफ, श्रद्धा कपूर
डायरेक्टर : अहमद खान
'बागी 3' से मैंने सीखा कि आगरा और सीरिया अड़ोस-पड़ोस के कस्बे हैं। न्यूज़ के लिए सोर्स हो न हो मगर सरकारी नौकरी के लिए कम्पलसरी है। स्लो मोशन इफ़ेक्ट डालने को एडिटिंग बोलते हैं। आपको पसीना आता है इसलिए सीरिया वालों को हिंदी आती है। मिलाप ज़वेरी बहुत बड़े साहित्यकार हैं। गुंडे भी अंडरकवर होते हैं। और सबकी आती नहीं, टाइगर श्रॉफ की जाती नहीं।
सारी क्रिएटिविटी की माचिस जला कर रख दी है। इनके पास टेररिस्ट आर्गेनाईजेशन का नाम रखने भर की ओरिजिनालिटी नहीं है। जैश-ए-मोहम्मद प्लस लश्कर-ए-तैयबा मिलाकर जैश-ए-लश्कर नाम दिया है। अरे भाई हमें तो पहले ही आईडिया था कि ऐसी फिल्मों के लिए दिमाग घर रखकर जाना होता है... मगर तुम बनाते टाइम तो थोड़ा लगा लेते क्या घिस जाता!
डायरेक्टर अहमद खान को फुल क्रेडिट दूंगा मैं। 'बागी 3' देखने के बाद मुझे मेरे संस्कृत टीचर एंटेरटेनिंग लगने लगे हैं। ये बन्दा टाइगर श्रॉफ के एक्शन को बोरिंग बना सकता है भाईसाब। और क्या तो क्लासिक एडिटिंग है इस फ़िल्म की। 'बागी 3' आधे घंटे की फ़िल्म थी बस, लेकिन एडिटर ने टाइगर के नाक खुजाने से लेकर ब्लिंक करने तक को स्लो-मोशन लगा-लगा के पूरा ढाई घंटे का बना दिया। एक डांस नंबर में आई दिशा पाटनी का स्क्रीन टाइम फ़िल्म की लीड एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर से ज़्यादा है। अब तक फाइट सीन में टाइगर के ऐब्स चमकाने के लिए उसके कपड़े गुंडे फाड़ते थे, इस बार टाइगर पे इत्तना लोड दे दिया है कि उसे अपने कपड़े भी खुद फाड़ने पड़े।
आगरा और सीरिया इतने पास हैं कि इन दो जगहों के बीच कोई इंटरनेशनल बॉर्डर नहीं है। इसलिए अगली बार अगर आगरा में आपका कुछ सामान गुम हो तो सीरिया पुलिस में कंप्लेंट दर्ज करवाएं। 'बागी 3' सरकारी भर्ती में होने वाली धांधली को बहुत अच्छे से दिखाती है। क्योंकि टाइगर का भाई रितेश हद डरपोक है मगर उसके लिए 2 स्टार वाली पुलिस की पोस्ट रखी हुई है क्योंकि अंकल का सोर्स है। इस पुलिस वाले ने अपना काम करने के लिए अंडरकवर गुंडा रखा है जो उसका अपना भाई है। विजय वर्मा सीरिया में रहने वाला पाकिस्तानी बन्दा है जो हैदराबाद की लैंग्वेज यानी दक्कनी बोलता है।
'बागी 3' में सबसे हैंडसम और डैशिंग बन्दा है जयदीप अहलावत लेकिन उसे बस गंदे डायलॉग दिए गए हैं। फरहाद सामजी ने ऐसे डायलॉग लिख डाले हैं कि उनके आगे 'मरजावां' वाले डॉयलॉग्स को साहित्य अकादमी अवार्ड्स दे देने का मन करता है। अगर आप ऐसे बंकर में रह रहे हैं कि फरहाद सामजी को नहीं जानते तो बता दूं ये वो बन्दा है जिसकी रचना को हम 'हॉउसफुल 4' नाम से जानते हैं। टाइगर के डैडी श्री जैकी श्रॉफ फिल्मों अब एक ही काम के लिए आते हैं। वो लोगों से कुछ प्रॉमिस करवाते हैं और चल बसते हैं।
अरे सॉरी मैं भूल गया था कि फ़िल्म में एक और एक्ट्रेस हैं, अंकिता लोखंडे। खैर, ये बात तो डायरेक्टर को भी याद नहीं थी। विलेन जो है यहां, वो 44 भाषाएं जानने वाला विद्वान है। लेकिन ट्रांसलेशन में करियर बनाने की बजाय टेररिज़्म में करियर बनाने चला गया और बड़ी ज़लील मौत मारा गया बाय गॉड। और मारा गया मैं। 'बागी 3' देखने के बाद ज़हर भी मीठा लगने लगता है, इसका नाम लेने भर से मैं बेहोश हो सकता हूँ।
देखिये सभी दर्शकों की रेटिंगBaaghi 3
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