वंडर वुमन 1984 रिव्यू: धमाकेदार सुपरहीरो फिल्म का सीक्वल, मज़ेदार भी है और ढीला भी!
- रिव्यू
- अपडेट:
- लेखक: Subodh Mishra (एडिटोरियल टीम)
मूवी: Wonder Woman 1984
रेटेड : 2.5/5.0
कास्ट : Gal Gadot, Chris Pine, Kristen Wiig, Pedro Pascal, Ravi Patel, Soundarya Sharma
डायरेक्टर : Patty Jenkins
कहते हैं न ‘बी केयरफुल व्हाट यू विश फॉर’ (यानि सोच समझकर मांगें)... मेरे खयाल से वंडरवुमन के सीक्वल के लिए विश करने से पहले हमें भी थोड़ा सा सोचना चाहिए था। क्योंकि सीक्वल तो आ गया, मगर ये न अधपका सा है, पहली फिल्म जितना करारा नहीं।
वंडर वुमन 1984 से उम्मीद ये थी कि डायना प्रिंस इस बार पिछली फिल्म से भी ज़्यादा धाकड़ दिखने वाली है। लेकिन ये फिल्म एक धमाकेदार सुपरहीरो को उसकी टक्कर की लड़ाई देने में बहुत वक़्त लगा देती है। गल गडोट जब वंदर वुमन के कॉस्ट्यूम में स्क्रीन पर आती हैं तो आडियन्स अपने आप जादू में खो जाती है। लेकिन इस इंसानी दुनिया में डायना प्रिंस के स्ट्रगल की जिस कहानी ने हमें पिछली बार बहुत बांधकर रखा था, वो स्टोरी अब एक नई दुनिया में आ गई है, साल है 1984।
View this post on Instagram
सबसे पहली बात तो ये कि अगर 80s का कोई मेजर इवेंट ही स्टोरी से रिलेट नहीं करना था, तो फिल्म का साल 1984 रखा क्यों? पिछली फिल्म में डायना और स्टीव ट्रेवर की लव स्टोरी एक बहुत प्यारा हुक थी, लेकिन इस बार इनकी लव स्टोरी को भाव ही नहीं दिया गया। स्टीव वो फाइटर बंदा है जिसने पिछली फिल्म में डायना को लड़ने के लिए इंस्पायर किया था, इस बार उसे अपने जलवे दिखाने का मौका ही नहीं मिला। वंडर वुमन 1984 की कहानी मे नेगेटिव एलीमेंट है एक मैजिकल स्टोन जिसे छूने वाले की कोई एक विश पूरी हो जाती है।
डायना के साथ ही म्यूज़ियम में जॉब कर रही बारबरा मिनर्वा के हाथ ये स्टोन तुक्के में पहुंचता है और तुक्के में ही उसकी सबसे बड़ी विश पूरी हो जाती है, ठीक वैसे ही जैसे डायना की। इसके बाद ये स्टोन जा लगता है फिल्म के विलन मैक्स लॉर्ड के हाथ, जिसे दुनिया का सबसे पावरफुल आदमी बनना है। अब बारबरा बन जाती है चीता और मैक्स की हरकतों से पूरा वर्ल्ड तबाही के करीब पहुँच जाता है। विश पूरी होने के साथ ही ये कंडीशन भी है कि बदले में आपसे कुछ छिनेगा भी। तो डायना के पास स्टीव तो आया, लेकिन पावर्स हल्की पड़ने लगीं। तो डायना मैक्स को कैसे रोकेगी और बारबरा से कैसे टक्कर लेगी, इसके साथ ही सबसे बड़ा सवाल ये है कि विशेज पूरी करने के चक्कर में पूरी दुनिया ने जो बखेड़ा खड़ा किया है वो कैसे सही होगा?
यही है फिल्म की कहानी। अब यहाँ दिक्कत ये है कि फिल्म की स्टोरी में इस मैजिकल स्टोन की जर्नी पर कोई फोकस नहीं किया गया है। ये फ़ैक्ट भी नहीं समझ आता कि मैक्स जैसे झूठी स्कीमें बेचने वाले बंदे को इस प्राचीन माइथोलॉजिकल स्टोन के बारे में कैसे पता है, जबकि म्यूज़ियम में काम करने वाली डायना और बारबरा को भी नहीं पता। एक और दिक्कत है, इस स्टोन के काम करने का तरीका बहुत कन्फ़्यूजिंग है।
लेकिन इन कमियों के बावजूद, वंडर वुमन 1984 देखी तो जा ही सकती है क्योंकि इस फिल्म में एक फील-गुड टाइप की बात है और डिज्नी की फिल्मों की तरह एंड में सबकुछ सुदर सा होने लगता है। लेकिन डीसी की डार्कनेस को शिद्दत से प्यार करने वाले फैंस को फिल्म से निराशा होगी।
देखिये सभी दर्शकों की रेटिंगWonder Woman 1984
- share
- Tweet
The White Tiger रिव्यू
मैंने कई सालों पहले अरविंद अडिगा की ‘द व्हाइट टाइगर’ पढ़ी थी। ‘मैन बुकर प्राइज़’ विनिंग ये नॉवेल तब भ... और देखें
Wonder Woman 1984 रिव्यू
कहते हैं न ‘बी केयरफुल व्हाट यू विश फॉर’ (यानि सोच समझकर मांगें)... मेरे खयाल से वंडरवुमन के सीक्वल... और देखें
Shakeela रिव्यू
ऋचा चड्ढा और पंकज त्रिपाठी जैसे धांसू परफॉर्मर, साउथ की एडल्ट फिल्म स्टार के संघर्ष की रियल लाइफ कहानी औ... और देखें