ओम: द बैटल विद इन रिव्यू: आदित्य रॉय कपूर का दमदार एक्शन टाइगर श्रॉफ-ऋतिक रोशन पर पड़ा भारी
ओम: द बैटल विद इन
दमदार एक्शन से भरपूर है आदित्य रॉय कपूर की फिल्म ओम: द बैटल विद इन
हिंदी सिनेमा में ऑडियंस के सामने भरपूर एक्शन परोसा जाता है। एक्टर के हाथ में बड़ी वाली तोप पकड़ा दी जाती है और हिलते हुए शोल्डर्स के साथ उस सीन पर भर को एक्शन फिल्म का नाम दे दिया जाता है। ऐसे बहुत सी फिल्में रिलीज़ हुई हैं जिसमें एक्शन तो भरपूर है लेकिन कहानी बिलकुल नहीं। ऐसे तोड़े-जोड़े गए सीन और कहानी ऑडियंस तक नहीं पहुंच पाती। लेकिन आज थिएटर में रिलीज़ हुई है आदित्य रॉय कपूर की ‘ओम: द बैटल विद इन’। फिल्म में भी कुछ तोप और बॉडी दिखाने वाले सीन है। लेकिन इसके साथ है मज़ेदार कहानी जो आपको सीट से बांधे रखती है।
आदित्य रॉय कपूर की ‘ओम: द बैटल विद इन’ की शुरुआत मिशन कवच से होती हैं जहां एक्टर को हेलीकाप्टर से सीधे प्रशांत महासागर में छलांग लगाते देख आप हक्के बक्के रह जायेंगे। मानते हैं वो फिल्म में शानदार बॉडी के साथ पैरा कमांडों की भूमिका में हैं लेकिन ये सीन थोड़े नकली लगते हैं जैसे कोई वीडियो गेम में कमांडों गन चलाता दिखता है। फिल्म की कहानी एक राष्ट्र कवच पर आधारित है जिसे साइंटिस्ट बने जैकी श्रॉफ ने अपनी टीम के साथ मिलकर बनाया है। कहानी की शुरुआत में ही जैकी श्रॉफ का किरदार देव राठोर गायब हो जाता है। अगला मिशन होता है गद्दार देव की तलाश और कवच को वापस देश लाना। इसी बीच ऋषि का किरदार निभाने वाले आदित्य कब और कैसे ओम बन जाते हैं ये जानना फिल्म की सबसे दिलचस्प बात है।
इस कहानी को आगे बढ़ाने के लिए फिल्म के सपोर्टिंग कास्ट ने जबरदस्त भूमिका निभाई। जय राठोर के किरदार में नज़र आये आशुतोष राणा ने अपने इमोशनल टच से फिल्म को सिर्फ एक्शन नहीं रहने दिया। उन्ही के इमोशन की वजह से आप इस कहानी से एक जुड़ाव महसूस करेंगे। प्रकाश राज के किरदार को ज्यादा डिटेल में जानने के लिए ये फिल्म देखनी जरुरी है। वहीं संजना संघी को एकाध एक्शन सीन के अलावा कुछ खास करने को नहीं दिया गया। वहीं जैकी श्रॉफ का दोहरा रूप आपको हर बार हैरान करेगा।
फिल्म में एक्शन दमदार है। एक सुंदर कद काठी वाले आदित्य को एक्शन करते देखना इनकी फीमेल फैन फॉलोइंग को जरुर खुश कर देगा। कहानी में इमोशन इसे खास बनाते हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर ये आपको ओवर ड्रामेटिक भी लग सकते हैं। साइड किरदारों की वजह से कहानी आगे चलती है। लेकिन बेवजह के रहस्य और ट्विस्ट परेशान भी करते हैं। एक के उपर एक गद्दार ये बात हजम नहीं होती। फिल्म के एंड तक आप किसी नए धोखेबाज को तलाशेंगे। यहां तक की अंत तक आप हर किरदार को उसी नज़र से भी देखेंगे कि ये गद्दारी तो नहीं करेगा। लेकिन कुछ एक्शन लवर के लिए यही फन और एंटरटेनमेंट फैक्टर है। फिल्म ओवरऑल मज़ेदार और एक्शन से भरपूर है। फिल्म का डायरेक्शन किया है कपिल वर्मा ने और प्रोड्यूसर हैं टाइगर श्रॉफ के साथ बागी जैसी फिल्म बना चुके अहम खान।