Salaar Movie Review: केजीएफ डायरेक्टर ने कराई प्रभास की दमदार वापसी, रोंगटे खड़ी करती है फिल्म
सालार
फिल्म की कहानी दो दोस्तों देवा और वर्धा की है। देवा जहां अपने दोस्त को बचाने के लिए खुद को मारने से भी पीछे नहीं हटा, वहीं वर्धा अपना सब कुछ लुटाने को तैयार रहता है। अलग होकर भी दोनों की दोस्ती आखिर तक बनी रहती है।
प्रभास आखिरकार तीन फ्लॉप फिल्में देने के बाद अपनी फुल फॉर्म में वापस लौट आए हैं। केजीएफ डायरेक्टर प्रशांत नील ने सालार में प्रभास की दमदार वापसी करा ही दी है प्रभास को इस फिल्म से एक बार फिर पहचाना जाएगा। सालार: सीजफायर पार्ट 1 है लेकिन फिल्म जिस एंड पर खत्म होती है, उससे दूसरे पार्ट का भी हिट होना पक्का ही समझिए क्योंकि प्रशांत नील ने जहां ये फिल्म छोड़ी है, उसके बाद आप दूसरा पार्ट देखने बिना नहीं रह पाएंगे। फिलहाल सालार की बात करते हैं जिसमें प्रभास के अलावा पृथ्वीराज सुकुमारन, जगपति बाबू और श्रुति हासन का भी अहम रोल है। फिल्म का नाम सालार क्यों रखा गया है, इसका जवाब भी आपको इसी फिल्म में मिलेगा।
फिल्म की कहानी
सालार की कहानी दो दोस्तों से शुरू होताी है। जो एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहता है। एक मरने को तैयार है तो दूसरा अपना सबकुछ लुटाने को तैयार रहता है। देवा (प्रभास) और वर्धा (पृथ्वीराज सुकुमारन) बचपन में तो साथ रहते हैं लेकिन बहुत ही कम वक्त में दोनों को एक दूसरे का साथ छोड़ना पड़ता है क्योंकि देवा और उसकी मां पर खतरा आ जाता है। वर्धा ही दोनों को बचाकर खानसार से दूर भेज देता है लेकिन देवा का दावा होता जब वर्धा बुलाएगा, देवा आएगा।
देवा अपनी मां के साथ एक छोटे से गांव में रहने लगता है, जहां उसे कोई नहीं जानता। वो वहीं बड़ा होता है और वर्धा खानसार में। लेकिन वर्धा को उसके पिता राज मन्नार (जगपति बाबू) के बाद खानसार की गद्दी नहीं मिलने वाली थी। क्योंकि उसके सौतेले भाई बहन भी थे और जो पूरे खानसार पर राज करना चाहते थे। एक वक्त के बाद वर्धा को देवा की जरूरत पड़ती है और देवा वापस आता है और उसके बाद जो सस्पेंस और खूबखराबा देखने को मिलता है, वो वाकई में रोंगटे खड़े कर देता है।
ये कहानी फ्लैशबैक की होती है लेकिन प्रेजेंट में तो आध्या कृष्णनन (श्रुति हासन) की वजह से एक बार फिर देवा हथियार उठा लेता है। आध्या कृष्णनन अपनी मां की अस्थियां इंडिया में विसर्जित करने आई होती है लेकिन क्या पता था कि वो मुसीबत में पड़ जाएगी क्योंकि उसकी कड़ी भी देवा और खानसार से जुड़ी होती है। इस पार्ट में देवा और वर्धा की दोस्ती तो दिखा दी गई लेकिन दोनों कट्टर दुश्मन कैसे बनते हैं, वो अगले पार्ट में। लेकिन दुश्मनी की जड़ की झलक आपको इसी पार्ट में मिल जाएगी।
फिल्म में क्या बेहतरीन?
सालार एक पूरी तरह से एंटरटेनिंग मसाला फिल्म है। एक्शन और धमाका देखने वालों के लिए ये फिल्म तो बहुत ही जबरदस्त है। प्रभास को दोबारा एक्शन अवतार में देखकर आपको मजा आ जाएगा। फिल्म में टीनू दत्ता भी दिखेंगे जिन्हें देखकर आपको केजीएफ की याद आ जाएगी क्योंकि डायरेक्टर प्रशांत नील ने अपनी केजीएफ वाली छाप यहां भी छोड़ी है। डायलॉग्स भले ही कम हैं या दमदार नहीं है लेकिन पूरी फिल्म एक्शन और सस्पेंस वाली कहानी पर ही आगे जाने वाली है। मां वाला फैक्टर प्रशांत ने यहां भी डाला है। लेकिन इस बार मां के कैरेक्टर को ज्यादा जगह दी है। हर एक कैरेक्टर को अपने रोल के हिसाब से पूरी जगह दी जा रही है। छोटे रोल वाले किरदार भी आपको याद रहेंगे।
कहां रही कमी?
फिल्म में थोड़े डायलॉग्स कमजोर पड़ते हैं। इसके अलावा प्रशांत नील केजीएफ की तरह फिल्म के लिए कोई यूनिक बैकग्राउंड म्यूजिक ढूंढ नहीं पाए। वहीं प्रभास जब हल्की हल्की गन्स चला रहे होते हैं और एक जगह वो भारी लड़ाई के बीच में सिर्फ छोटी बदूंकों से सबको मारते हैं, तो उस सीन में एनिमल की भारी मशीगन याद आती है। हालांकि उससे पहले प्रभास को एक ही साथ ढेर सारी गोलाबारी अकेले करते भी दिखाया गया है।
कुल मिलाकर फिल्म फुल पैसा वसूल है। एक्शन से ये फिल्म भरपूर है और एक्शन लवर तो इसे देखने जरूर जाएंगे। फिल्म को प्रभास की कमबैक दमदार फिल्म के लिए भी देखा जा सकता है।