Jawan Movie Review: शाहरुख़ खान के स्वैग के लेवल को छू नहीं पायेंगे सलमान, नयनतारा पर भारी पड़े दीपिका के 15 मिनट
जवान
शाहरुख़ खान की जवान एक बदले की कहानी है जिसे एक्टर के डबल रोल पूरा करते हैं! इस फिल्म में किंग खान को पहले कभी नहीं देखे गए अवतार में देखा गया है जो आपको हैरान करता है !
करीब ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद आज शाहरुख़ खान की जवान थिएटर में रिलीज़ हो चुकी है। फिल्म रिलीज़ से पहले एडवांस बुकिंग में ही करोड़ों कमा चुकी है तो अभी हम कलेक्शन की बात नहीं करेंगे। बात होगी ये फिल्म ऑडियंस का इतना लंबा इतंजार डिज़र्व करती है या नहीं? सरल शब्दों में कहें तो फिल्म जवान कैसी है?
रिव्यू शुरू करने से पहले फिल्म थिएटर में जा कर सीटियां मारने के लिए बनी है तो इसे डिजिटल प्लेटफार्म पर देखने का इंतजार मत करना। अब फिल्म की बात करते हैं जो आपको जबरदस्त एंटरटेनमेंट का डोज़ देगी, सीटियां मारने और थिएटर में तालियां बजाने में आपको मजा आने वाला है। कहानी के बारे में बता कर मैं स्पॉइलर नहीं देना चाहती। लेकिन शाहरुख़ खान का ये डबल रोल आपका दिल खुश कर देगा। हर सीन में बुजुर्ग शाहरुख़ खान के स्वैग के लेवल को टच कर पाना अब सलमान खान के बस की बात नहीं। एकाध सीन में शाहरुख़ का ये स्वैग आपको 70 और 80 के दशक के एक्टर प्राण की याद जरुर दिलाएगा। फिल्म में ऐसे कई सीन है जो शानदार तरीके से फिल्माए गये हैं। लेकिन बेल्ट से पीटनेवाला सीन इस साल के कुछ बेहद खास सीन्स में गिना जाना चाहिए। हाथ में बेल्ट मुंह में सिगार, सफ़ेद बालों की लहराती लटें, उफ्फ्फ! किंग खान का हर लुक शानदार है। हां, कुछ जगह उनकी ओवर एक्टिंग इग्नोर कर दी जाए तो।
वैसे ऐसा नहीं है कि फिल्म एकदम परफेक्ट है। कहानी विक्रम राठोर और उनके बेटे आज़ाद के इर्द-गिर्द घूमती है। विलेन काली के किरदार में विजय सेतुपति से बदला लेना मकसद होना चाहिए। लेकिन मेकर्स ने कई फिल्मों से रेफेरेंस लेते हुए स्क्रिप्ट में जबरदस्ती का सामाजिक ड्रामा जोड़ दिया है। यही प्लॉट ऑडियंस सालों से फिल्मों में देखती आ रही है। शाहरुख़ खान का किरदार आम नागरिकों को बताना चाहता है वोट किसे देना चाहिए, मंत्री कैसा होना चाहिए, देश के लिए क्या काम करना चाहिए। बुरे पॉलिटिशियन से देश बचाने की फिल्म की कोशिश बेफिजूल लगती है। हां, विजय सेतुपति से के साथ उनका एक्शन जबरदस्त है। कुछ जगह फिल्म तेजी से भागती है, थोड़ा और ठहराव होता तो शायद बात कुछ और होती। बाकी सिनेमैटोग्राफी, स्क्रीनप्ले जबरदस्त है। एक्शन सीन नए और हैरान करने वाले हैं।
सपोर्टिंग एक्टर्स की बात करें तो 15 मिनट के सीन में नज़र आई दीपिका पादुकोण पूरी फिल्म के नयनतारा के किरदार पर भारी पड़ी हैं। उम्मीद से डबल दीपिका का एक्शन और किंग खान के साथ रोमांस, बस वाह! नयनतारा ने ठीक ठाक काम किया है, लेकिन उनके स्वैग पर इतना फोकस कर दिया गया कि कहानी में उनका काम बहुत बड़ा कुछ नहीं था। सुनील, ग्रोवर, एजाज खान, रिद्धि डोगरा छोटे रोल्स में हैं लेकिन इनका काम देखने लायक रहा। इसके अलावा शाहरुख़ खान की गैंग में शामिल सान्या मल्होत्रा, प्रियामणि, गिरिजा ओक, संजीत भट्टाचार्याअमृता अय्यर, रुतुजा शिंदे अपने काम में कमाल रही हैं। इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत है औरतों को बंदूक के साथ एक्शन करते देखना। दूसरी सबसे बड़ी हाईलाइट है संजय दत्त का कैमियो। फिल्म में अंत में दोनों के रिश्ते का खुलासा भी होगा।
एटली ने डायरेक्शन में फिल्माए गए कई एक्शन सीन इतने नए और अनोखे हैं आप रिवाइंड कर बार बार देखना चाहोगे। शाहरुख़ इस दशक के अपने बेस्ट रोल में नज़र आये हैं। तो बिना समय बर्बाद किये ये फिल्म थिएटर में देख आओ। मेरी तरफ से फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार्स।