भेड़िया रिव्यू: वरुण धवन ने लूटी लाइमलाइट, कृति सेनन एक सस्पेंस में सिमटीं

    भेड़िया रिव्यू: वरुण धवन ने लूटी लाइमलाइट, कृति सेनन एक सस्पेंस में सिमटीं

    2.5

    भेड़िया

    वरुण धवन और कृति सेनन स्टारर फिल्म भेड़िया एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म है। फिल्म में एक भास्कर नाम के शख्स को एक भेड़िया काट लेता है और वो भी फिर भेड़िया बन जाते हैं। उन्हें जंगल से प्यार नहीं होता लेकिन बाद में वो जंगल की रक्षा करने लगते हैं।

    Director :
    • अमर कौशिक
    Cast :
    • वरुण धवन,
    • कृति सेनन,
    • अभिषेक बनर्जी,
    • दीपक डोबरियाल और पालिन कबक
    Genre :
    • हॉरर-कॉमेडी
    Language :
    • हिंदी
    भेड़िया रिव्यू: वरुण धवन ने लूटी लाइमलाइट, कृति सेनन एक सस्पेंस में सिमटीं
    Updated : November 25, 2022 04:51 PM IST

    वरुण धवन, कृति सेनन और अभिषेक बनर्जी स्टारर फिल्म भेड़िया आखिरकार 25 नवंबर को रिलीज हो गई है। फिल्म का एक अनोखा कॉन्सेप्ट था जिसे दर्शक देखने के लिए इंतजार कर रहे थे। दिनेश विजान ने इस फिल्म के जरिए एक हॉरर कॉमेडी यूनिवर्स बनाने की प्लानिंग की है और वो फिल्म के अंत में आपको दिख भी जाएगा। निरेन भट्ट की लिखी कहानी और अमर कौशिक डायरेक्शन में बनी भेड़िया अब आपको मनोरंजन कर पाएगी या नहीं, आइए वो इस रिव्यू में जानते हैं।

    फिल्म की कहानी?

    तो कहानी कुछ ऐसी है कि एक कंपनी है और उसका एक एंप्लॉय भास्कर (वरुण धवन) अरुणाचल प्रदेश के जंगलों में बीचोबीच से एक सड़क बनवाने और कंस्ट्रक्शन का काम करवाने के लिए उस जंगल में जाता हैं। उसके साथ उसका कजन भाई गुड्डू गुप्ता (अभिषेक बनर्जी) भी जाता है। वहां वो अपने जानकार दोस्त जाउमिन (पालिन कबक) के साथ एक होम स्टे जैसी जगह में ठहरते हैं। अब काम चालू होता है कि जंगल के बीच रह रहे लोगों से स्टांप पेपर पर साइन करवाने का क्योंकि सड़क बनाने में जंगल तो कटता ही, साथ ही इन लोगों के घर भी जाने वाले थे। सरकार की तरफ से प्रोजेक्ट में कॉर्डिनेशन के लिए राजू मिश्रा (दीपक डोबरियाल) भी होता है। लेकिन एक दिन जंगल में एक ट्रेजडी होती है और एक भेड़िया भास्कर को काट लेता है। भास्कर रात में भेड़िया बन जाता है और उस प्रोजेक्ट में लगे उन लोगों को मारने लगता है जो जंगल को काटना चाहते है।

    गांव वाले ऐसी चीज को विषाणु कहते हैं। लेकिन वरुण इस बात का पता किसी को नहीं लगने देते। सिवाय अपने कजन और दोस्त के। इसके अलावा ये बात डॉ. अनिका मित्तल को पता चलती है क्योंकि उन्होंने ही भेड़िए के काटने के बाद भास्कर का इलाज किया था। वरुण को आखिर में इस चीज का इलाज मिल जाता है कि वो कैसे ठीक होंगे लेकिन आखिर में एक ऐसा ट्विस्ट आता है जिसे उनके अंदर परिवर्तन आ जाता है और वो भेड़िया ही बने रहते हैं। फिल्म के सेकेंड हाफ में आपको दो भेड़िया दिखेंगे और आखिर में स्त्री फिल्म का कलेक्शन इस फिल्म में जोड़ दिया जाता है।

    फिल्म में क्या बेहतरीन?

    सारे कलाकारों ने फिल्म में बेहतरीन काम किया है। जिसे छोटे से छोटा रोल मिला, उसने भी बेहतरीन तरीके से निभाया। वरुण धवन कमाल के लग रहे हैं, कृति भी अपने अनोखे अंदाज में ठीक लग रही हैं। दीपक डोबरियाल ने हमेशा की तरह अपनी छाप छोड़ी है। पालिन कबक और अभिषेक बनर्जी को भी आप इस फिल्म के लिए हमेशा याद रखेंगे। इसके अलावा फिल्म में जो भेड़िए जेनरेट किए गए हैं वो काबिले तारीफ हैं। दोनों ही भेड़िए असली वाली फीलिंग देते हैं। चूंकि फिल्म अरुणाचल में शूट हुई है तो वहां की खूबसूरती को काफी बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है। शुरुआत तो बहुत ही प्यारी है। इसके अलावा फिल्म में जिस तरह से नॉर्थ ईस्ट का मुद्दा उठाया गया है, वो मैसेज पूरी तरह से लोगों के दिल में उतरता है। 

    कहां रह गई कमी?

    फिल्म के गाने आपको लुभाने में बिल्कुल भी कामयाब नहीं होंगे। ठुमकेश्वरी गाना फिल्म में नहीं मिला। फिल्म को थ्री डी जरूर बनाया गया है लेकिन ऐसा करने की फिल्म में ज्यादा जरूरत महसूस होती नहीं। कृति सेनन का फिल्म में रोल काफी छोटा है। उन्हें लीड एक्ट्रेस जैसा टाइम नहीं मिला है। हॉरर कॉमेडी फिल्म है लेकिन हॉरर तो ये फिल्म बिल्कुल भी नहीं लगेगी। बस भेड़िया जब आपकी तरफ स्क्रीन पर लपकता है तब आप जरूर पीछे हो जाते हैं। कॉमेडी है लेकिन उसमें सोशल मीडिया और शहनाज गिल की वीडियोज से भी कॉमेडी उठाई गई है। कहानी का जिस तरह से अंत होगा, वो भी आपको कुछ खास नहीं लगेगी।

    लेकिन फिल्म एंटरटेनिंग है, एक बार के लिए जो जरूर देखी जा सकती है। फिर चाहे आप इसके लाइट वेट कॉमेडी के लिए देखें या फिर नॉर्थ ईस्ट की खूबसूरती के लिए।

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