‘भूल भुलैया 2’ रिव्यू: कार्तिक आर्यन की कॉमेडी और तब्बू का हॉरर मज़ेदार, लेकिन कहानी में नहीं है धार

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    भूल भुलैया 2

    फिर से खुल गई है एक हवेली, जहां कैद है मंजूलिका। घर वालों की खतरे में है जान और लड़का-लड़की का इश्क चढ़ रहा है परवान। इस भूल-भुलैया में फिर मचेगा कोहराम...

    Director :
    • अनीस बज्मी
    Cast :
    • कार्तिक आर्यन,
    • कियारा अडवाणी,
    • तब्बू,
    • राजपाल यादव,
    • संजय मिश्रा
    Genre :
    • हॉरर कॉमेडी
    Language :
    • हिंदी
    ‘भूल भुलैया 2’ रिव्यू: कार्तिक आर्यन की कॉमेडी और तब्बू का हॉरर मज़ेदार, लेकिन कहानी में नहीं है धार
    Updated : May 20, 2022 12:17 PM IST

    आप उठते हैं नहाते-धोते हैं, ऑफिस जाते हैं, घर आते हैं खाते-पीते हैं और सो जाते हैं। रोज़ का रूटीन है। कार्तिक आर्यन का यही हिसाब कॉमेडी से है। कॉमेडी उनका रूटीन है। अगर इसमें भी वो गलत हो जाएं तो क्या ही बचेगा। ‘भूल भुलैया 2’ में कार्तिक ने एक बार फिर से कॉमेडी की है और अनीस बज्मी ने उनसे ठीक-ठाक कॉमेडी करवा भी ली है। मगर इस फिल्म में असली मज़ा है तब्बू को देखने में।

    तब्बू के बारे में बात करने पर अपने आप एक से एक शब्द अपने आप निकलते चले जाते हैं और डर रहता है कि कहीं मैं उनके कट्टर वाले फैन जैसा न साउंड करने लगूं। मगर ‘भूल भुलैया 2’ में मामला उनके होने से ही इंटरेस्टिंग हुआ, ये बात आप भी थिएटर से निकल कर ज़रूर कहेंगे। कार्तिक आर्यन की कॉमेडी में, उनके बोलने के लहजे में वही एक चीज़ सालों से चली आ रही है, लेकिन अब जनता शायद उनके उस अंदाज़ को ही स्क्रीन पर देखना चाहते हैं। हालांकि ‘भूल भुलैया 2’ में भी उनके अन्दर के एक्टर की झलकियां कुछ जगह नज़र आईं। 

    कियारा अडवाणी हमेशा की तरह बहुत सुन्दर हैं और फिर से एक ऐसे रोल में हैं जहां उनके करने के लिए ज्यादा कुछ है नहीं। फिल्म में उनका प्राइमरी काम कार्तिक के साथ रोमांस करना लग रहा था, लेकिन यहां केमिस्ट्री का कोई नामोनिशान नहीं था। ‘भूल भुलैया 2’ कहानी शुरू ही कियारा के किरदार- रीत से होती है। रीत अपने कॉलेज से घर लौटने निकली है और रूहान से टकरा जाती है, रूहान अमीर बाप का बेटा है और पिताजी के देहांत के बाद कभी पतंग उड़ाने गुजरात चला जाता है, तो कभी पान खाने बनारस। 

    बस सिचुएशन घूमती है और वो रीत के साथ राजस्थान में उसके पुश्तैनी घर पहुंच जाता है। क्या खाने? ये आप फिल्म में देखें। इस पुश्तैनी हवेली के साथ सीन ये है कि इसमें एक भूत कैद है- मंजूलिका। 8 घंटे पहले मिले रुहान और रीत किस सस्ती मस्ती में इस हवेली का ताला तोड़ अन्दर घुसते हैं उसका अपने आप में एक फ़िल्मी सा रीजन है। 

    रीत के परिवार को हवेलियां बनवाने से ही फुर्सत नहीं थी, तो पुरानी हवेली में भूत को पैक करके वो नई हवेली रहने चले गए थे। अब रीत अपने साथ में कुछ ऐसी हवा लिए लौटी है कि उन्हें फिर से वापिस इसी हवेली में लौटना पड़ता है और यहां एक शादी भी होनी है। रूहान कुछ ही समय में ये भौकाल बना लेता है कि वो भूतों से बात करता है, और रूह बाबा बनकर फेमस हो जाता है। लेकिन फिर निकलती है मंजूलिका अपने फेमस थीम सॉंग- ‘आमी जे तोमार’ के साथ। इसके बाद घरवालों पर जो बीतती है, और जिस तरह मंजूलिका से निपटा जाता है वही कहानी में हॉरर और कॉमेडी का मसला है। 

    ‘भूल भुलैया 2’ के डायरेक्टर अनीस बज्मी का अपने आप में एक अलग टाइप का सिनेमा है। उनकी पिछली 3 फ़िल्में- वेलकम बैक, पागलपंती और मुबारकां थी। कॉमेडी लिखने का लेवल यहां भी कुछ नया नहीं है, लेकिन 2007 में आई ‘भूल भुलैया’ यहां पर एक नॉवल्टी फैक्टर के तौर पर काम आती है और उस फिल्म के जोक्स और कॉमिक सिचुएशन के बेस पर टिके नए सीन अपने आप फनी लगने लगते हैं। ऊपर से कार्तिक की सिचुएशनल कॉमेडी औए एक्सप्रेशन इसे सहारा देते हैं। 

    तब्बू को जो काम दिया गया उसमें वो पूरी तरह पक्की उतरीं और एफर्टलेस परफॉरमेंस के साथ, अपने ट्रेडमार्क ग्रेस को मिलाकर उन्होंने स्क्रीन पर भौकाल जमाया। वरना तो उन्हें रात में भी जिस तरह चमचमाती साड़ी और लिप-ग्लॉस लगाए हुए दिखाया गया है, उससे ये पता लग ही रहा था कि फिल्म में कॉमेडी करने का मतलब हर तरह की गलती से छूट लेना, माना जाता है। इस बारे में ऑरिजिनल फिल्म डायरेक्ट करने वाले प्रियदर्शन की क्या राय होगी, खुदा जाने। 

    फिल्म के गाने भी बस ठीकठाक ही हैं। ऑरिजिनल फिल्म से राजपाल यादव का ‘छोटे पंडित’ का कैरेक्टर नहीं लिया गया होता तो फिल्म का क्या हश्र होता इसका मालिक भी उपरवाला ही है। और साथ में संजय मिश्रा, अश्विनी कालसेकर और राजेश शर्मा जैसे जोरदार सपोर्टिंग एक्टर्स ने मिल कर ‘भूल भुलैया 2’ की नाव को किसी तरह सतह पर रखने में मदद की है।

    कुल मिलाकर ‘भूल भुलैया 2’ में फैट शेमिंग से लेकर कैजुअल सेक्सिज्म तक बॉलीवुड के सभी टिपिकल कॉमेडी मसाले हैं। इसलिए रह-रहकर आपको हंसी तो आती रहे इसके लिए दिमाग थिएटर से बाहर रखकर जाना होगा। कार्तिक ने अपनी तरफ से फिल्म में जान डालने की कोशिश की है मगर तब्बू ही जान हैं।