‘डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस’ रिव्यू: वांडा के खौफ से बना माहौल, मगर अपने ही यूनिवर्स में उलझ गई स्ट्रेंज की कहानी

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    ‘डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस’

    स्ट्रेंज के आगे आसमान से आ गिरी है अमेरिका शावेज़, जिसमें ये शक्ति है कि वो टाइम-स्पेस को मैनिपुलेट कर के अलग-अलग यूनिवर्स में ट्रेवल कर सकती है। कोई है जो उसकी ये शक्ति छीन लेना चाहता है। दूसरी तरफ वांडा मैक्सिमॉफ के हाथ ब्लैक मैजिक की सबसे खतरनाक बुक लग चुकी है। क्या स्ट्रेंज अमेरिका को बचा पाएगा?

    Director :
    • सैम रेमी
    Cast :
    • बेनेडिक्ट कंबरबैच,
    • एलिज़ाबेथ ऑल्सेन,
    • शोची गोमेज़,
    • बेनेडिक्ट वॉंग
    Genre :
    • सुपरहीरो ड्रामा
    Language :
    • इंग्लिश
    ‘डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस’ रिव्यू: वांडा के खौफ से बना माहौल, मगर अपने ही यूनिवर्स में उलझ गई स्ट्रेंज की कहानी
    Updated : May 06, 2022 03:18 PM IST

    डॉक्टर स्ट्रेंज के फैन्स को और क्या चाहिए था- एक अदद फिल्म जिसमें उसका कैरेक्टर बेहतरीन और सुपर से भी ऊपर दमदार हो। थानोस की नाक में दम कर देने वाले इस सुपरहीरो की पहली फिल्म थी ‘डॉक्टर स्ट्रेंज’। अब सीक्वल आया है 6 साल बाद। इतना वक़्त लगा है, तो यकीनन उम्मीदें भी बहुत थीं। ‘डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस’ इन उम्मीदों को पूरा तो करती है, मगर कहीं कुछ कसर अधूरी भी रह जाती है।

    स्ट्रेंज (बेनेडिक्ट कंबरबैच) को आखिरी बार ‘स्पाइडरमैन: नो वे होम’ में देखा गया था, जहां वो टॉम हॉलैंड के कैरेक्टर की मदद कर रहा था। अब स्ट्रेंज के आगे आसमान से आ गिरती है अमेरिका शावेज़ (शोची गोमेज़)। अमेरिका एक दूसरे यूनिवर्स से आई है और उसमें ये शक्ति है कि वो टाइम-स्पेस को मैनिपुलेट कर के अलग-अलग यूनिवर्स में ट्रेवल कर सकती है। कोई है जो उसकी ये शक्ति छीन लेना चाहता है। 

    दूसरी तरफ है वांडा मैक्सिमॉफ, जिसे आपने आखिरी बार उसकी वेब सीरीज ‘वांडा एंड विज़न’ में देखा था। उस सीरीज की एंडिंग आपको याद हो तो, वांडा ने विज़न और अपने बच्चों के साथ ज़िन्दगी का सपना सच करने के लिए अपनी शक्तियों से जो एक ऑल्टरनेट रियलिटी क्रिएट की थी वो तो ख़त्म हो गई थी। लेकिन शो के एंड में उसे एक दूसरे यूनिवर्स से अपने बच्चों की आवाज़ आ रही थी। दोनों बच्चों को लेकर वांडा कितनी ऑब्सेस्ड है ये आपको पता ही है, ऊपर से वो उसके हाथ अब ब्लैक मैजिक की सबसे खतरनाक किताब ‘डार्कहोल्ड’ भी लग चुकी है। 

    डॉक्टर स्ट्रेंज और उसके साथी वॉंग के पास अब सबसे बड़ा टास्क है अमेरिका को बचाना क्योंकि उसकी शक्ति अब, ज़रूरत से ज्याद खतरनाक इरादे वाले लोगों के लिए, एक चाभी है। इसी मिशन को पूरा करते हुए स्ट्रेंज का एडवेंचर अलग-अलग यूनिवर्स में पहुंचता है। जहां उसे अपने ही कई अलग वर्ज़न तो मिलते ही हैं। और मिलते हैं कुछ ऐसे किरदार जो MCU के लिए बहुत ऐतिहासिक हैं समझिए, बाक़ी समझदार आप हैं ही! 

    अब आते हैं कि फिल्म में वजन कितना है। MCU में कई फ़िल्में बहुत बेहतरीन हैं मगर कई उनके मुकाबले कुछ हल्की हैं। लेकिन इन हल्की फिल्मों को भी देखना ज़रूरी इसलिए हो जाता है कि बड़े प्लान में इन फिल्मों की कहानी से बहुत कुछ जुड़ा होता है। डायरेक्टर सैम रेमी ने शानदार विजुअल्स का एक ऐसा अद्भुत संसार रचा है जिसे बड़ी स्क्रीन पर देखना ही बेहतर होगा। मगर ‘डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस’ से रह-रह कर हल्केपन की बू आने लगती है। 

    कहानी का मुख्य प्लॉट जितना दिलचस्प साउंड कर रहा है और एक बड़े कनफ्लिक्ट को जन्म देता हुआ लगता है, स्क्रीन पर उसके घटने का हिसाब उतना ही ज्यादा सुविधाजनक है। यही चीज़ बीच-बीच में थोड़ी सी उबाऊ होने लगती है। हर मुश्किल का समाधान बेहद आसानी से हो जाता है और इसकी वजह से कहीं पर डॉक्टर स्ट्रेंज का स्ट्रगल दिखता तो है, मगर आपमें गहरा नहीं उतर पाता। स्ट्रेंज का किरदार इमोशनली भी आपको बहुत अपील नहीं कर पाता, जबकि ‘सॉर्सरार सुप्रीम’ की चॉइस करने से उसकी निजी ज़िन्दगी में सुनामी आ चुकी है। 

    दूसरी तरफ, वांडा एक ऐसा किरदार बनकर उभरी है जिसकी इमोशनल गहराई फिल्म में आधे घंटे के बाद ही दिखने लग जाती है। उसका कैरेक्टर आर्क इतना शानदार है कि ये स्टोरीलाइन जल्द ही लोगों की टॉप फेवरेट हो सकती है। ऊपर से इस रोल में ओल्सेन का काम इतना बेहतरीन है कि उनका एक-एक एक्सप्रेशन आपको खुद में महसूस होता है। बच्चों से अलग होना का दर्द ‘स्कारलेट विच’ में इतना गहरा उतरता है कि उसके सारे भयानक एक्ट सच में जस्टिफाईड लगने लगते हैं। 

    और दिक्कत यही है कि स्ट्रेंज के लिए वो इतना भयंकर चैलेन्ज लगती हैं कि आपको लगेगा उन्हें सिर्फ वो खुद ही हरा सकती हैं। ऊपर से कई जगह ऐसा भी लगता है जैसे फिल्म का फोकस अपनी कहानी को आगे ले जाने से ज्यादा आपको मल्टीवर्स के काम करने के तौर तरीके पर ज्यादा है। लेकिन बेनेडिक्ट को मानना पड़ेगा कि उनसे बेहतर स्ट्रेंज कोई नहीं कर सकता। अपने ही अलग-अलग वर्ज़न में जब वो आमने-सामने होते हैं तो आपको समझ आएगा कि उनकी रेंज कितनी बड़ी है। 

    अमेरिका के रोल में शोची भी बेहतरीन हैं और कन्फ्यूज़ होने के साथ-साथ उन्हें जितना कॉंफिडेंट उन्हें होना चाहिए था, वो उनमें बिल्कुल दिख रहा था। स्ट्रेंज की एक्स-लवर क्रिस्टीन के रोल में रेशल मैक एडम्स का स्टोरी आर्क बहुत हल्का था, हालांकि अपने ही एक दूसरे वर्ज़न में वो बेहतरीन लगीं। वॉंग का मज़ेबाज़ स्वभाव इस बार भी पहले जितना ही तेज़ था।

    कुल मिलाकर ‘डॉक्टर स्ट्रेंज इन द मल्टीवर्स ऑफ़ मैडनेस’ शानदार विजुअल इफेक्ट्स से भरी एक और मार्वल फिल्म है जो आगे के लिए बहुत सारे दरवाज़े खोलती है। लेकिन इसकी स्टोरीटेलिंग से बहुत ज्यादा उम्मीद कर के देखने न जाएं!