‘हीरोपंती 2’ रिव्यू: टाइगर श्रॉफ की ये अझेल फिल्म आपके सब्र का बहुत तगड़ा इम्तिहान है, जिसमें आप पक्का फेल ही होंगे

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    हीरोपंती 2

    मिस्टर लैला एक जादूगर और गैंगस्टर हैं जो टैक्स-पेयर्स का सारा पैसा उड़ा लेने का एक ज़ोरदार प्लान बना रहे हैं। बबलू एक हैकर है जिसके पास इस प्लान का तोड़ है। इन दोनों के पंगे का अपना भी एक इतिहास है और ये एक-दूसरे के दांव-पेंच अच्छे से समझते हैं। क्या मिस्टर लैला को रोकने में बबलू कामयाब होगा?

    Director :
    • अहमद खान
    Cast :
    • टाइगर श्रॉफ,
    • तारा सुतारिया,
    • नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी,
    • अमृता सिंह
    Genre :
    • एक्शन ड्रामा
    Language :
    • हिंदी
    ‘हीरोपंती 2’ रिव्यू: टाइगर श्रॉफ की ये अझेल फिल्म आपके सब्र का बहुत तगड़ा इम्तिहान है, जिसमें आप पक्का फेल ही होंगे
    Updated : April 29, 2022 03:35 PM IST

    फ़िल्में अच्छी न हों तो बुरी होती हैं, बहुत बुरी होती हैं, बर्बाद होती हैं या एकदम ही डब्बा निकले तो ज्यादा से ज्यादा निराश करती हैं। लेकिन टाइगर श्रॉफ की ‘हीरोपंती 2’ उन फिल्मों में से है, जिन्हें देखकर थिएटर से निकलते हुए आपको लगेगा कि किसी ने आपके सिर में हाथ घुसा के आपकी रीढ़ की हड्डी खींच ली है और उससे एक-एक बूंद जूस निचोड़ के उसका चूरा वापिस भर दिया है।

    ‘हीरोपंती’ ने अगर टाइगर श्रॉफ को रातोंरात स्टार बनाया था, तो ‘हीरोपंती 2’ में वो पूरी ताकत है कि ये रातोंरात टाइगर के करियर का ग्राफ तबाह कर सकती है। टाइगर श्रॉफ बिना शक इस समय बॉलीवुड एक्शन स्टार हैं। वो स्क्रीन पर जो कुछ कर सकते हैं, उसका आधा करने वाला एक्टर भी इस समय कोई नहीं है। 

    ‘वॉर’ में ऋतिक रोशन के साथ, सिद्धार्थ आनंद के डायरेक्शन में टाइगर जिस तरह चमके, उसे देखकर जनता हैरान रह गई थी। इस एक फिल्म से लोग टाइगर को बहुत ऊपर रख कर देखने लगे हैं इसमें कोई दो राय नहीं है। अब बारी टाइगर की है कि उन्हें फैन्स से जो प्यार और सम्मान मिल रहा है, उसका उन्हें क्या करना है। 

    शायद ‘हीरोपंती 2’ वो बॉर्डर है जहां पर बैठकर टाइगर को सीरियसली अपने टैलेंट को बचाने की तरफ सोचना शुरू करना होगा। टाइगर को अब बहुत गंभीरता से सोचना चाहिए कि क्या वो वाकई इंडिया का सबसे बड़ा एक्शन स्टार बनना चाहते हैं या फिर वो “बबलू” बने रहकर ही खुश हैं! कहानी बस इतनी सी है कि मिस्टर लैला (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) एक जादूगर कम गैंगस्टर है और उसके पास हैकिंग के ज़रिए एक झटके में इंडिया के टैक्स-पेयर्स का सारा पैसा हड़प लेने का एक प्लान है। 

    बबलू (टाइगर श्रॉफ) एक अव्वल दर्जे का हैकर है और भारत सरकार उसकी मदद लेना चाहती है क्योंकि उसी के पास लैला का तोड़ है। कहानी में ऐसा क्या है जो बबलू को मिस्टर लैला का सबसे ज़ोरदार तोड़ बनाता है? और क्या बबलू सरकार की मदद कर के लैला को रोक पाएगा? यही सवाल हैं फिल्म का मुद्दा। बीच में इनाया (तारा सुतारिया) के साथ बबलू की लव स्टोरी भी उलझी हुई है। 

    फिल्म के पहले फ्रेम से ही स्क्रीन पर ऐसी चीज़ें होनी शुरू हो जाती हैं कि आप अपना माथा पकड़ने लगते हैं। नवाज़ुद्दीन के कैरेक्टर को जिस तरह का चाल-ढाल और लहजा दिया गया है वो होमोफोबिक तो है ही लेकिन बेवकूफाना भी है। टाइगर की एक्शन साइड को बार-बार स्क्रीन पर लाने के लिए जिस तरह की सिचुएशन बनाई गयी हैं वो बिना सिर-पैर की, लॉजिक से कोसों दूर वाली बात है। 

    एक मसाला एंटरटेनर में टाइगर श्रॉफ जैसे प्योर एक्शन स्टार से आप विस्फोटक एक्शन-सीक्वेंस के अलावा ज्याद कुछ उम्मीद नहीं करते। लेकिन उन एक्शन सीन्स के बीच का हिस्सा तो कहानी की वजह से ही टिकता है न! और ये फिल्म इस डिपार्टमेंट में इतनी कमज़ोर है कि इससे सॉलिड स्टोरीलाइन तो आजकल टीनेजर अपने इन्स्टा रील्स में डाल देते हैं! 

    अगर किसी एक चीज़ के लिए टाइगर या नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की तारीफ़ बनती है तो वो इसलिए कि इन्होने डायरेक्टर अहमद खान और राइटर साजिद नाडियाडवाला के विज़न (???) के आगे खुद को पूरी तरह सरेंडर कर दिया। फिल्म के इन दो बड़े पिलर्स को देखकर तो आप इरिटेट हो ही रहे होते हैं कि तारा सुतारिया आपका दिमाग फूंक देने के मामले में इन दोनों को कड़ी टक्कर देने लगती हैं। 

    तारा की ‘प्रिटेंशियसनेस’ इस हद तक बेहूदा लगती है कि आपका खून उनके मुंह खोलने भर से खौल जाएगा। और ये सब लिखते हुए अब लगने लगा है कि ये फिल्म इतने शब्द डिज़र्व भी नहीं करती थी जितने अभी तक इस रिव्यू में लिखे जा चुके हैं। अहमद खान ने इस कदर दिमाग का धुंआ कर देने वाली फिल्म बना डाली है कि वो इसके पोस्टर पर हाथ रखकर दोबारा फिल्म न बनाने की कसम खा सकते हैं। 

    कुल मिलाकर ‘हीरोपंती 2’ बेकार, बहुत बेकार और निराशाजनक से भी अगले लेवल की बेहूदा फिल्म है। जीवन में कभी किसी फिल्म के रिव्यू में ऐसा भी लिखना पड़ेगा ये मैंने सोचा तो नहीं था, मगर ‘हीरोपंती 2’ असल में घिनौनी फिल्म है!