द ग्रेट इंडियन फैमिली रिव्यू: विक्की कौशल ने लूट ली महफिल, नफरत पर प्यार का मैसेज देती है फिल्म

    3.5

    The Great Indian Family

    विक्की कौशल स्टारर द ग्रेट इंडियन फैमिली एक फैमिली ड्रामा फिल्म है जिसमें आपको एक सामाजिक मुद्दा देखने को मिलता है और फिल्म एक प्यार भरा मैसेज भी देती है।

    Director :
    • विजय कृष्ण आचार्य
    Cast :
    • विक्की कौशल,
    • मानुषी छिल्लर,
    • मनोज पाहवा,
    • कुमुद मिश्रा,
    • यशपाल शर्मा,
    • आसिफ खान और आशुतोष उज्जवल
    Genre :
    • Family Drama
    Language :
    • Hindi
    द ग्रेट इंडियन फैमिली रिव्यू: विक्की कौशल ने लूट ली महफिल, नफरत पर प्यार का मैसेज देती है फिल्म
    Updated : October 20, 2023 05:29 PM IST

    विक्की कौशल और मानुषी छिल्लर स्टारर फिल्म द ग्रेट इंडियन फैमिली इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। विक्की कौशल की फिल्मों का तो इंतजार रहता है और इस बार उन्होंने एक बार फिर से छोटे शहर की कहानी को पर्दे पर लाकर लोगों के मन में एक्साइटमेंट बढ़ा दी थी। ट्रेलर देखकर ही लोग फिल्म का ट्विस्ट जानने के लिए फिल्म देखना चाह रहे थे। तो जैसा कि फिल्म का ट्रेलर देखकर अंदाजा लगाया जा रहा था। फिल्म उससे कहीं ज्यादा बढ़िया है। तो कैसी है ये फिल्म और क्या आपको इसे देखना चाहिए या नहीं, जानेंगे इस मूवी में।

    फिल्म की कहानी?

    ये कहानी भजन कुमार उर्फ वेद व्यास त्रिपाठी की है। जो पूरे बलराम पुर में अकेले और पॉपुलर भजन करने वाले सिंगर हैं। उनके आगे कोई टिक नहीं पाता। पुश्तैनी पंडित की फैमिली से आते हैं। भजन कुमार के पिता (कुमुद मिश्रा) का काफी बोलबाला है इलाके में और इलाके का सबसे अमीर परिवार भी उनके द्वारा ही पूजा पाठ और अपने घर की शादियां कराता है। 

    अब फलते फूलते परिवार के दुश्मन भी होते हैं और वो यहां भी हैं। इलाके के दूसरे बड़े पंडित ये बिल्कुल नहीं चाहते हैं कि भजन कुमार के पिता को ही अमीरों की पूजा का कॉन्ट्रेक्ट मिले। लेकिन कहानी का ट्विस्ट ये सब नहीं बल्कि ये है कि भजन कुमार मुसलनमान है या नहीं। जो कि ट्रेलर में भी दिखाया गया था। फिल्म की कहानी में इस एंगल से ट्विस्ट और सस्पेंस थोड़ा ज्यादा है। इसलिए आपको फिल्म पूरी देखनी होगी। 

    फिल्म में क्या अच्छा?

    इस सवाल का सबसे पहला और बेहतरीन जवाब हैं विक्की कौशल। वो ही इस पूरी फिल्म की जान हैं। उन्होंने एक छोटे से छोटे मोमेंट को जो फिल्म में जिया है ना, वो कमाल है। फिर चाहे उनका भजन कुमार बनकर गाना गाना हो। आपको पूरी फील आएगी कि आप जागरण मे हैं। या फिर चाहे उनका रोना हो। अगर आप थोड़े से भी इमोशनल हैं तो आपका भी रोना जरूर निकल जाएगा। 

    इसके अलावा फिल्म के कुछ मोमेंट हैं जिन्हें आप बस देखकर ही फील कर सकते हैं कि वो कितने जबरदस्त हैं। कुमुद मिश्रा ने हमेशा की तरह अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ी है। चाचा के रोल में मनोज पाहवा भी आपको हंसाते और रूलाते दोनों नजर आएंगे। हालांकि मानुषी छिल्लर का फिल्म में स्क्रीन टाइम कम है लेकिन उनकी परफोर्मेंस भी आपका दिल जीत लेगी। क्योंकि वो अपनी डेब्यू फिल्म पृथ्वीराज से कहीं ज्यादा बेहतर नजर आई हैं। फिल्म में सिर्फ हिंदु-मुसलमान की एकता का मैसेज ही नहीं बल्कि एक फीलिंग है जिसे आप फिल्म देखते हुए महसूस कर पाएंगे। 

    कहां रह गई कमी?

    फिल्म में हिंदू मुसलमान का एंगल दिखाना और फिर उसकी एकता पर बात करना। ये हमारी बॉलीवुड की तमाम फिल्मों में पहले भी बहुत दिखाया जा चुका है। इसलिए इसे कमी नहीं कहेंगे बल्कि आप इस चीज के आदि हो चुके हैं, इसलिए आपको आखिर में ये लग सकता है कि कुछ नया नहीं है। पर जिस तरह से फिल्म को एग्जीक्यूट किया गया है, उसके लिए विजय कृष्ण आचार्य की तारीफ करनी होगी। 

    कुल मिलाकर फिल्म को जरूर देखना चाहिए। ये एक फैमिली ड्रामा फिल्म है और एक देश के धार्मिक मुद्दे पर बहुत बढ़िया तरीके को दिखाती है। विक्की कौशल और कुमुद मिश्रा फिल्म नफरत की जगह प्यार करना आपको सिखाएंगे।

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