Zara Hatke Zara Bachke Review: विक्की कौशल की मेहनत को ले डूबेगी सारा अली खान की ओवेराक्टिंग, पढ़िए

    2.0

    जरा हटके ज़रा बच के

    फिल्म ज़रा हटके ज़रा बचके एक फैमिली ड्रामा है जिसमें कपिल और सौम्या अपने सपनों के सच होने का इंतजार करते हैं ! सपोर्टिंग किरदार की परफॉरमेंस खुश करने वाली है !

    Director :
    • लक्ष्मण उटेकर
    Cast :
    • विक्की कौशल,
    • सारा अली खान
    Genre :
    • फैमिली ड्रामा, कॉमेडी, रोमांटिक
    Language :
    • हिंदी
    Platform :
    • थिएटर
    Zara Hatke Zara Bachke Review: विक्की कौशल की मेहनत को ले डूबेगी सारा अली खान की ओवेराक्टिंग, पढ़िए
    Updated : June 02, 2023 01:43 PM IST

    विक्की कौशल और सारा अली खान की फिल्म ‘जरा हट के ज़रा बच के’ लंबे समय में खबरों में बनी हुई थी। फ्रेश जोड़ी को स्क्रीन पर देखने का इंतजार हो रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे डायरेक्टर लक्षमण उटेकर इस बार भी कोई धमाका करने वाले हैं। लेकिन यही आपकी ग़लतफ़हमी है। ये फिल्म आपको बस रुलाएगी। इमोशनल सीन की वजह से नहीं बल्कि फिल्म की बोरिंग कहानी होने की वजह से। विक्की कौशल को एक नए किरदार में देखने का इंतजार था। लेकिन फिल्म में उनका किरदार कपिल आपको इरिटेट कर सकता है। हां, कुछ सपोर्टिंग किरदार आपको कुछ सीन्स में हंसने का मौका जरुर दे देंगे।

    कहानी की बात करते हैं जो आपने लगभग हर फॅमिली ड्रामा फिल्म में देखी होगी। इसमें कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे आप नया कहोगे। विक्की कौशल ने कपिल नाम के कंजूस पति का किरदार निभाया है। वहीं सारा नज़र आयेंगी सौम्या के किरदार में जिसके खूब सारे सपने हैं। इन्हीं सपनों की वजह से दोनों के रिश्ते में प्यार भी होता और दूरियां भी। वैसे इंट्रो भर से आपको कहानी का अंदाज़ा लग गया होगा। क्योंकि मैं आगे की कहानी बता कर आपको स्पॉइलर नहीं देना चाहती जो है भी नहीं।

    कहानी में क्या अच्छा है ये समझने के लिए मुझे फिर से पूरी कहानी याद करनी पड़ेगी। हाँ, सारा बेहद खूबसूरत लगी हैं। उनकी साड़ी और ब्लाउज के डिज़ाइन इस फिल्म से ज्यादा पॉपुलर हो सकते हैं। सपोर्टिंग किरदार में कई एक्टर्स आपको पसंद आयेंगे। फिल्म में एक छोटा सा कोर्ट रूम ड्रामा है जो देखने के बाद आप भी अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे। बाकी सब कुछ प्रेडिक्टेबल है।

    अब मुद्दे की बात करते हैं जो फिल्म मेकर्स अपनी फिल्मों में करना अक्सर भूल जाते हैं। ऑडियंस को फैमिली ड्रामा के नाम पर बस एक ही जैसी कहानी दिखाने पर तुले हुए हैं। मीडिल क्लास दिखाने के लिए किरदारों को एक हाफ बाजु वाले स्वेटर और शॉल में दिखा देते हैं। हिंदी और अंग्रेजी बोलने वाले किरदारों को श और स बोलने में दिक्कत करवा देते हो। ये लगभग सभी ड्रामा फिल्मों की थीम हो गई है। नए के नाम पर बस कहानी में अजीब ट्विस्ट ले आते हैं। असल जिंदगी में लोग ज्यादा प्रैक्टिकल हैं लेकिनं हैपी एंडिंग के नाम पर फिल्मों में अजीब सा त्याग दिखा देते हैं वो भी ओवर एक्टिंग लगता है। खास कर सारा अली खान का रोना। एक सीन में तो सारा को रोते देख आपको रोना आ जायेगा कि डायरेक्शन ने कुछ कमाल ही कर दिया होता।

    डायरेक्टर लक्ष्मण उटेकर ने पहले शानदार काम किया है। लुका छुपी, मिमी जैसी शानदार फिल्म डायरेक्ट करने के बाद उनसे इस फिल्म की उम्मीद नहीं थी। घिसी हुई कहानी पर एक्टर्स की ओवरएक्टिंग देखने के बाद मेरी तरफ से फिल्म को 5 में से 2 स्टार्स।

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