‘आर्या 2’ रिव्यू: सुष्मिता सेन के ज्वालामुखी अवतार के साथ बेहतरीन थ्रिलर, इमोशनल, फैमिली स्टोरी देख मुंह खुला रह जाएगा!

    4.0

    आर्या 2 

    डिज्नी प्लस हॉटस्टार (2021)

    कास्ट: सुष्मिता सेन, विकास कुमार, विश्वजीत प्रधान  

    ड्रग व्यापर के 'धंधे' में घुसे परिवार और पावर के लिए भूखे मर्दों के बीच फंसी आर्या अपने बच्चों को सुरक्षित लेकर देश से निकल जाने में कामयाब हो गई थी। लेकिन क्या पास्ट के वापिस सामने खड़े होने पर आर्या उससे टक्कर लेने के लिए तैयार है? 

    ‘आर्या 2’ रिव्यू: सुष्मिता सेन के ज्वालामुखी अवतार के साथ बेहतरीन थ्रिलर, इमोशनल, फैमिली स्टोरी देख मुंह खुला रह जाएगा!
    Updated : December 10, 2021 01:01 PM IST

    ‘धंधा पहले मर्द चलाया करते थे, अब बचे नहीं’... आर्या ने सीज़न 1 में जब ये लाइन बोली थी तो देखने वालों तक एक करंट पहुंचा था। सीज़न 2 में उस करंट का पावरहाउस बन गया है। सुष्मिता सेन की आर्या पिछले सीज़न में राख के नीचे सुलगती आग थी, जिसे कुरेदा गया था। इस बार वो ज्वालामुखी बनकर चल पड़ी है और रास्ते में आने वाली हर चीज़ को राख कर देगी।

    संयुक्त चावला शेख और अनु सिंह चौधरी की लिखी ये वेब सीरीज आपको अंत तक बांध के रखने का माद्दा तो रखती ही है, लेकिन साथ में आपको हैरान भी करती रहती है। कभी डायलॉग्स से, कभी किसी ट्विस्ट से, कभी किसी एक्टर की परफॉरमेंस से तो कभी किरदारों की नैतिकता के लेवल पर।

    ‘आर्या’ का सीज़न 2 बिल्कुल वहीं से शुरू होता है जहां सीज़न 1 ख़त्म हुआ था। 300 करोड़ के ड्रग्स इधर-उधर होने से जो इवेंट्स हुए थे वो अभी बंद नहीं हुए हैं। सीज़न 1 के एंड में हमने देखा था कि आर्या अपने तीनों बच्चों के साथ सुरक्षित न्यूज़ीलैण्ड शिफ्ट हो रही थी। लेकिन उसे एक मैसेज मिला था। सीज़न 2 की शुरुआत में आर्या को वापिस आना पड़ता है। उस केस में गवाही देने जो उसी की वजह से बना और उसके अपने बाप-भाई के साथ-साथ; पिछले सीज़न में उसे तंग करने वाले शेखावत के पिता को भी जेल पहुंचा दिया है। आर्या की गवाही से इनकी सज़ा तय होनी है, मगर क्या ऐसा हो पाएगा? इस कोर्ट केस से निपटकर आर्या अपने बच्चों के साथ वापिस ऑस्ट्रेलिया लौटने के लिए छटपटा रही है।

    मगर इस कहानी की शुरुआत से ही, उसके आसपास के मर्दों ने पावर के नशे में जो जाल बुने हुए हैं, उन्हें काटकर निकल जाना इतना आसान तो नहीं है। रास्ते दो ही हैं, या तो आर्या हथियार डाल दे और खुद की, अपने बच्चों की जिंदगियों के फैसले इसी तुक्के से होने दे। या फिर आसमान में गोते खाती पतंग जैसी इन जिंदगियों की डोर खुद थामे और हवाओं से टक्कर ले। जो ये जानते हैं कि शेरनी सबसे खतरनाक तब होती है जब उसके बच्चों पर कोई ख़तरा आता है, उन्हें पता है कि आर्या क्या करने वाली है!

    राम माधवानी, विनोद रावत और कपिल शर्मा ने मिलकर ‘आर्या 2’ को डायरेक्ट किया है और हमें एक ऐसी वेब सीरीज दी है जिसकी एंडिंग पर आकर आप थिएटर की तरह ताली बजाने और हूट करने के मूड में आ जाएंगे। शो की सबसे ख़ास बात इसके किरदार और उनका ट्रीटमेंट है। आर्या के तीनों बच्चों- वीर, आरू और आदी; आर्या की दोनों फ्रेंड्स माया और हिना; कॉप युनुस खान, जोरावर और शेखावत सीनियर; और यहां तक कि मसल-मैन संपत का किरदार भी अपनी स्टोरी आर्क को पूरा करता है। कोई भी किरदार बीच में पीछे छूटता हुआ नहीं लगता, सबकी अपनी कहानी को भी पूरा टाइम मिला है।

    सुष्मिता सेन की एक्टिंग परफॉरमेंस को शायद ‘आर्या’ से बेहतर किरदार नहीं मिलेगा। रियल लाइफ में उन्हें जिस तरह एक स्ट्रोंग मां और औरत माना जाता है, वो डिज्नी प्लस हॉटस्टार के इस शो में खुलकर स्क्रीन पर उतरता है। खान के रोल में विकास कुमार हों या संपत के रोल में विश्वजीत प्रधान; आर्या के बच्चों का कैरेक्टर निभाने वाले चाइल्ड एक्टर्स हों या फिर माया सराव और सुगंधा गर्ग; एक-एक एक्टर को जहां भी चमकने का मौका मिला है उसने लपक के पकड़ा है।

    शो में छोटी सी दिक्कत बस ये है कि कहीं-कहीं पर थोड़ा बॉलीवुड फ़िल्मी स्टाइल में आने की कोशिश करने लगता है औरु कुछेक डायलॉग रिपीट होते लगे। हालांकि शो की ताकत इस बात में है कि कहानी के हिसाब से ये जितना बॉलीवुड-ट्रीटमेंट में जा सकता था उससे बहुत बच के निकला। और इसीलिए इमोशन-थ्रिल सब आपको हिट करता है। ‘आर्या 2’ की एंडिंग के लिए होलिका और प्रहलाद की कहानी दिमाग में रखेंगे तो मज़ा डबल हो जाएगा। और अंत में लाल गुलाल में डूबी सुष्मिता सेन के बैकग्राउंड में ‘दिगंबर खेले मसाने में होरी’ गाना यूज़ करने का आईडिया जिसका भी था, इस सीन ने एक अलग ही जादू कर दिया है।

    कुल मिलाकर ‘आर्या 2’ एक बेहतरीन थ्रिलर, इमोशनल, मोरल कनफ्लिक्ट भरा डार्क शो है जिसका वजन सुष्मिता सेन ने बहुत सॉलिड परफॉरमेंस से उठा रखा है, तो ज़रूर देख डालिए।