‘द ब्रोकन न्यूज़’ रिव्यू: दुनिया को कैसे तोड़ती हैं प्राइम-टाइम ख़बरें, इसकी शानदार कहानी है ये शो; ठोस परफॉरमेंस ने बनाया दमदार
द ब्रोकन न्यूज़
स्क्रीन पर सिर्फ आधे या एक घंटे के एक शो से दुनिया बदल देने का दावा करने वाले चैनल, स्क्रीन के पीछे कैसे चलते हैं? वहां कितना वाइट है और कितना ब्लैक? कितना सच, कितना झूठ... और कितना सही, कितना गलत। उसी की कहानी है ये शो।
- विनय वायकुल
- सोनाली बेंद्रे,
- श्रिया पिलगांवकर,
- जयदीप अहलावत,
- फैज़ल राशिद,
- संजीता भट्टाचार्या
- ड्रामा
- हिंदी
- ज़ी 5
हमारे दौर में ब्रेकिंग न्यूज़ का मतलब हो चुका है वो सनसनी, वो डिबेट, वो चीख चिल्लाहट, जो आपकी शान्ति ब्रेक कर दे। जो आपका खून उबाल दे, आपका बीपी बढ़ा दे और आपको इतना ताव में ले आए कि आप दुनिया अलट-पलट देना चाहें।
इस शोर में काम की बात कितनी है? जो कुछेक लोग शांति से ख़बरें बता रहे हैं क्या वो आपका भला नहीं चाहते? 9 बजे के प्राइम टाइम शोज़ में न्यूज़ कितनी है? उस न्यूज़ में सच कितना है और झूठ कितना? उसमें फैक्ट्स हैं या फिक्शन? ज़ी5 की नई वेब सीरीज ‘द ब्रोकन न्यूज़’ में उसी टीवी स्क्रीन के पीछे की कहानी है, जिसपर हुई एक डिबेट आजकल नेशनल-इंटरनेशनल और एंटी-नेशनल वाली बहस का मुद्दा है।
इस शो में दो न्यूज़ चैनल्स हैं- जोश 24/7 के सर्वेसर्वा, मेन प्राइम टाइम एंकर हैं दीपांकर सान्याल (जयदीप अहलावत)। और जैसा कि दीपांकर का कहना है- इस चैनल में सोचने-समझने की पगार और औकात सिर्फ उनकी है। दूसरा चैनल है आवाज़ भारती जिसकी प्राइम टाइम एंकर और बॉस हैं- अमीना कुरैशी (सोनाली बेंद्रे)।
लेकिन इस चैनल में अमीना की अलावा भी जर्नलिस्ट्स हैं जो ग्राउंड पर मेहनत करते हैं और रिपोर्ट तैयार करते हैं, इनके नाम हैं- राधा भार्गव (श्रिया पिलगांवकर), कमल (फैज़ल राशिद) और जूही (संजीता भट्टाचार्या)। चैनल के अन्दर की एपिसोड दर एपिसोड दोनों चैनल्स नई-नई स्टोरीज़ कवर कर रहे हैं लेकिन एक कॉमन स्टोरी है जो शुरू से अंत तक चल रही है, उसका सारा पेंच खुलता है क्लाइमेक्स में जहां सब आमने-सामने होते हैं।
कहानी में करप्ट पॉलिटिशियन, बिकाऊ मीडिया, अपना उल्लू सीधा करने वाले बिजनेसमैन, जनता की प्राइवेसी पर सरकारी सर्विलांस, एलेक्टोरिअल बॉन्ड्स, सोशल मीडिया का खेल सबकुछ है। बेसिकली ‘द ब्रोकन न्यूज़’ में वो सबकुछ है जो हमेशा लोगों की चर्चा में रहता है। लेकिन इस शो की सबसे बड़ी खासियत ये है कि यहां मीडिया के अन्दर की दुनिया को बहुत अच्छे से और कायदे से दिखाने की कोशिश हुई है।
आजकल अधिकतर फिल्मों और शोज़ में मीडिया को एक जोकर और घटिया कार्टून जैसा दिखाया जाने लगा है और वो मजाक के लिए रखे जाते हैं। लेकिन जब आप ऐसे देश में हों जहां व्हाट्सएप तक पर लोग ख़बरें आगे-पीछे करने लगे हैं, भले वो फेक ही हों, तो आपको ये मानना पड़ेगा कि मीडिया एक बहुत सीरियस बिजनेस है। और ‘द ब्रोकन न्यूज़’ इस पूरे खेल को, पूरी सीरियसनेस के साथ दिखाता है।
परफॉरमेंस की बात करें तो सालों बाद स्क्रीन पर वापिस लौटीं सोनाली बेंद्रे, इमोशनल सीन्स में दिखाती हैं कि उनकी एक्टिंग की धार बिल्कुल भी फीकी नहीं हुई है। श्रिया पिलगांवकर ने हाल ही में आई ‘द गिल्टी माइंडस’ में इसी तरह सच के लिए आवाज़ उठाने वाली और धाकड़ लड़की का कैरेक्टर प्ले किया था। वहां वो वकील थीं, यहां जर्नलिस्ट हैं। लेकिन श्रिया पर ये किरदार जम रहे हैं और ‘द ब्रोकन न्यूज़’ में वो और भी ज्यादा सॉलिड लगी हैं।
जयदीप अहलावत न्यूज़ के शोर का चेहरा हैं लेकिन उनका टैलेंट देखिए कि इस टाइप के एंकर्स के कई नाम लोगों के ज़ेहन में होने के बावजूद, उन्होंने अपना रोल इस तरह निभाया है कि वो किसी के जैसे नहीं लगते। फैज़ल और संजीत भी अपने किरदारों में भरपूर ज़ोरदार लगते हैं और जयदीप के चैनल में काम करने वाले रिपोर्टर अनुज के रोल में तारुक रैना भी अच्छे लगते हैं।
‘द ब्रोकन न्यूज़’ की कमियों पर बात करें तो, सबसे बड़ी कमी ये है कि किरदारों की पर्सनल लाइफ को कहानी में शामिल करने के बावजूद, ये शो इस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देता। जबकि लीडिंग कैरेक्टर्स में से दो की पर्सनल लाइफ का हलवा बना हुआ है। एक के फ्लैटमेट की मौत हो चुकी है और वो भी एक बड़ी कॉन्सपिरेसी में।
एक की लाइफ में उसका होमोसेक्सुअल होना बस एक फैक्ट की तरह बता के छोड़ दिया गया है और एक को शुरुआत में रिपोर्टिंग असाइनमेंट और पर्सनल लाइफ के बीच झूलते दिखाया तो गया, मगर फिर छोड़ दिया गया। अगर ये सारी चीज़ें एक्सप्लोर की जातीं तो ये शो बहुत ज्यादा ज़बरदस्त हो जाता।
लेकिन कुल मिलाकर अब भी अगर कहा जाए तो ज़ी5 का शो द ब्रोकन न्यूज़ एक जरुर देखने लायक चीज है। इसकी कहानी आपको स्क्रीन पर दिख रहे न्यूज़ चैनल्स के उस पार चल रहे खेल तो दिखाती ही है साथ ही एक्टर्स की दमदार परफॉरमेंस ध्यान बांधे रखती है।