इरफान की वे फिल्में जिनके डायलॉग आज भी लोगों की जुबां पर 

साहेब, बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स

हमारी तो गाली पर भी ताली बजती है

हिंदी मीडियम 

यह हेडमास्टर... हेडमास्टर नहीं है जी, यह बिजनेसमैन है। आजकल की पढ़ाई... पढ़ाई नहीं है जी, यह धंधा है धंधा

कारवां 

लोगों को हक जताना आता है, रिश्ते निभाना नहीं आता

द किलर

पिस्टल की ठंडी नली जब कनपटी पर लगती है न, तब जिंदगी और मौत का फर्क समझ आता है

कसूर

आदमी जितना बड़ा होता है, उसके छुपने की जगह उतनी ही कम होती है।' जज्बा

जज्बा

मोहब्बत है इसलिए जाने दिया... जिद होती तो बांहों में होती

जज्बा

रिश्तों में भरोसा और मोबाइल में नेटवर्क न हो तो लोग गेम खेलने लगते हैं

पीकू

डेथ और शिट, ये दो चीजें किसी को कहीं भी, कभी भी आ सकती हैं

पान सिंह तोमर

बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लियामेंट में

डी डे

गलतियां भी रिश्तों की तरह होती हैं, करनी नहीं पड़तीं, हो जाती हैं