आर्यन खान की जमानत पर अब 28 अक्टूबर को होगी सुनवाई; जानें आज अदालत में वकील ने क्या रखा पक्ष
आर्यन खान की जमानत पर अब 28 अक्टूबर को होगी सुनवाई
आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत के लिए आज बॉम्बे हाईकार्ट में सुनवाई की गई थी लेकिन ये सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब 28 अक्टूबर को उनकी रिहाई पर फैसला होगा। सुनवाई दोपहर ढाई बजे शुरू होगी। आर्यन की तरह से मुकुल रोहतगी, अरबाज की तरफ से अमित देसाई और मुनमुन धमेचा की तरफ से हाई कोर्ट में काशिफ खान देशमुख ने अपनी दलीले रही थीं।
अदालत में क्या बोले आर्यन के वकील मुकुल रोहतगी
- गिरफ्तारी ज्ञापन में गिरफ्तारी का सही और सही आधार नहीं बताया गया है। रिमांड एप्लीकेशन में सच्चे और सही तथ्यों का उल्लेख होना चाहिए।
- आर्यन खान की गिरफ्तारी संवैधानिक गारंटी का सीधा उल्लंघन है।
- रिमांड एप्लीकेश भ्रामक थी जैसे कि बड़ी मात्रा का उल्लेख कर ये महसूस कराया जा रहा हो कि कि आर्यन खान के पास से ये मिला।
- उनके पास फोन था लेकिन उन्होंने रिमांड एप्लीकेश में ये नहीं बताया। हमारी चैट्स तक पहुंच नहीं है। उनके पास चैट्स हैं, उनके पास पोजेशन है और फिर भी उन्होंने मुझे ये न बताकर मिसलीड किया कि उन्हें क्या मिला।
क्या बोले अरबाज के वकील अमित देसाई
- तीन अक्टूबर को गिरफ्तारी के मेमो में कहीं भी साजिश या तस्करी की बात नहीं है, तीनों अलग-अलग लोग हैं। यहां सिर्फ ड्रग्स के सेवन की बात है। जो गुनाह हुआ ही नहीं उस पर गिरफ्तारी हुई है।
- जिस मामले में हम 20 दिन से ज्यादा वक्त कस्टडी में गुजार चुके हैं, उसमें आज तक कोई गिरफ्तारी हुई ही नहीं है, कॉन्सपिरेसी अलग अपराध है। जब सजा ही 1 साल की बन रही है तो कस्टडी की क्या जरूरत है?
- ये मामला ड्रग्स के निजी इस्तेमाल से ज्यादा का नहीं है। केस को बेवजह बड़ा किया जा रहा है। तीनों के साथ गिरफ्तार महिला का पंचनामा नहीं किया गया।
- 41ए में नोटिस जारी कर जांच में मदद मांगनी चाहिए थी। अरबाज पर सिर्फ ड्रग्स सेवन का आरोप लगा है। जब साजिश नहीं थी तो गिरफ्तारी क्यों की गई। बेल नियम है जबकि जेल अपवाद होना चाहिए।
Updated: October 28, 2021 01:12 AM IST
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