‘पद्म श्री’ के 4 दिन बाद कंगना रनौत पर ‘देशद्रोह’ की पुलिस कम्प्लेंट; 1947 की आज़ादी को बताया था ‘भीख’
‘पद्म श्री’ के 4 दिन बाद कंगना रनौत पर ‘देशद्रोह’ की पुलिस कम्प्लेंट
कंगना रनौत ने हाल ही में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित होने पर कहा था कि उन्हें ये सम्मान एक ‘आदर्श नागरिक’ होने के कारण मिला है। हालांकि इसके कुछ ही देर बाद वो वापिस फॉर्म में आ गयीं और फिर से एक विवादास्पद बयान दे डाला। कंगना ने पद्म श्री मिलने के बाद एक समिट में स्टेज से कहा कि भारत को असली आज़ादी 2014 में मिली।
उनका इशारा 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता संभालने वाली भाजपा सरकार की तरफ था। कंगना पहले भी मोदी सरकार ए लिए अपना प्यार ज़ाहिर करती रही हैं। यहां तक भी कुछ लोग कंगना की बात पचा गए थे, लेकिन असली स्यापा तब हो गया जब उन्होंने कह डाला कि 1947 में हमें मिली आज़ादी एक ‘भीख’ थी! सुनिए कंगना का विवादास्पद बयान:
कंगना की इस बात पर सोशल मीडिया भड़क गया और देश को आज़ादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने के लिए उनकी क्लास लगनी शुरू हो गई। मगर अब बात सीरियस हो गई है और कंगना पर इस बयान के लिए पुलिस कम्प्लेंट हो गई है। दिलचस्प बात ये है कि जहां कंगना ने भाजपा राज की तारीफ़ में हमारी आज़ादी को धता बताया था, वहीं उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है आम आदमी पार्टी की नेशनल एक्सेक्यूटिव चेयरमैन प्रीति मेनन ने।
प्रीति ने कंगना के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है और कार्रवाई की मांग की है। उनकी शिकायत में कंगना के खिलाफ शांति भंग करने और ‘देशद्रोह’ जैसी बड़ी धाराएं लगाईं गई हैं। इससे पहले भाजपा के ही नेता वरुण गांधी ने भी कंगना के बयान की आलोचना कर दी थी और इसे एक ‘एंटी-नेशनल’ हरकत बताया था।
वरुण ने अपने ट्वीट में कहा, “लोग कभी भी हमारे स्वतत्रता आन्दोलन में हुए अथाह बलिदानों और लाखों खोई जिंदगियों और उजड़े परिवारों को नहीं भूल सकते। इन्हें इस शर्मनाक तरीके से नीचा दिखाना सिर्फ एक केयरलेस और हल्का बयान मानकर अनदेखा नहीं किया जा सकता”। अब देखना होगा कि इस शिकायत पर कंगना क्या रियेक्ट करती हैं।