Exclusive पद्मावती विवाद : करणी सेना प्रमुख ने कहा महिलाओं को बच्चे पैदा करने के लिए बनाया गया है !
राजपूत युवा संगठन श्री राजपूत करणी सेना ने आज संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' के खिलाफ अपने मजबूत रुख का बचाव करते हुए कहा कि कला के संदर्भ में "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" को सहन नहीं किया जा सकता वो भी तब जब इससे लाखों लोगों की भावनाएं आहत हो रही हों। करणी सेना की मांग है कि फिल्म की मेवाड़ रॉयल्टी के लिए स्क्रीनिंग की जानी चाहिए और अगर उन्हें भंसाली के राजपूत समुदाय के चित्रण में कोई आक्षेप नहीं मिले, तो वे 'पद्मावती' के खिलाफ अपने विरोध को वापस ले लेंगे।
आज राजधानी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनकी आपत्ति कला के खिलाफ नहीं है बल्कि इतिहास को तोड़ मरोड़ के प्रस्तुत करने के खिलाफ है। करणी सेना के लोकेंद्र सिंह काल्वी ने कहा 'हम राजपूतों को हमारी विरासत पर गर्व है और हम ऐसी किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो हमारे आत्मसम्मान, अभिमान और सम्मान को चोट पहुंचाती हो। यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि कला के नाम और भाषण की स्वतंत्रता के नाम पर एक निर्देशक द्वारा हमारे इतिहास को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।' लोकेंद्र सिंह काल्वी ने कहा, हम चाहते हैं कि फिल्म को दर्शकों तक पहुंचाने से पहले सभी तथ्यों और फिल्म में आपत्तिजनक दृश्यों को संपादित किया जाए ।
फिल्म की शूटिंग शुरू होने के बाद से ही संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' लोगों की आंखों की किरकिरी बनी हुई है। 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली फिल्म को अब निर्माताओं ने स्थगित कर दिया गया है। फिल्म को विभिन्न राजनीतिक और धार्मिक संगठनों से विरोध मिला है क्योंकि उनका मानना है कि फिल्म का कंटेंट आपत्तिजनक है और भारत के इतिहास को गलत बताता है।
करणी सेना के अनुसार, भंसाली ने उन्हें लिखित रूप में आश्वासन दिया था कि वे राजपूत संगठनों के लिए ट्रेलर और फिल्म की प्री-स्क्रीन करेंगे लेकिन ऐसा करने में असफल रहे।
लोकेंद्र सिंह काल्वी आगे कहते हैं कि हम कला के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वास्तविकता में, कोई भी फिल्म निर्माता जो एक पीरियड ड्रामा का चित्रण कर रहा है, उसे सही तथ्यों को पेश करना चाहिए। लेकिन ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ और राजपूत महिमा को बदनाम करना ऐसा कुछ है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। सच्चाई अक्सर धारणा के व्यक्तित्व से अधिक हो जाती है जो दर्शकों की पीढ़ियों को गुमराह कर सकती है और वह इतिहास को खराब समझने की गलती कर सकते हैं।
दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर की प्रमुख भूमिकाओं में अभिनीत फिल्म महाकाव्य कविता 'पद्मवत' पर आधारित है, जिसमें रानी पद्मिनी के असाधारण सौदर्य के लिए अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण की कहानी बताई गयी है। यह माना जाता है कि रानी पद्मिनी ने अपने गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए 16,000 शाही महिलाओं के साथ स्वयं को बलिदान कर 'जौहर' किया था। रानी पद्मिनी के बलिदान और वीरता की कहानियों ने उन्हें राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में एक देवी का दर्जा देकर दूसरों को प्रेरित किया है और भंसाली की फिल्म में उनके चित्रण की वजह से विभिन्न राजनीतिक, क्षेत्रीय और धार्मिक समुदायों के बीच बड़े आंदोलन को बल मिल रहा है।
ध्यान दें : इंटरव्यू देने वाले द्वारा कही गयी बातें उनके खुद के विचार हैं। देसीमार्टीनी इस आर्टिकल में दी गयी किसी विचारधारा का समर्थन नहीं करता है।