महेश बाबू ने दी मां को अंतिम विदाई, दादी के पार्थिव शरीर को देखकर फूट-फूटकर रोई बेटी सितारा

    साउथ के एक्टर महेश बाबू की मां इंदिरा देवी का निधन हो गया है। जब उन्होंने अपनी मां को अंतिम विदाई दी तो वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गई। वहीं, महेश बाबू की बेटी फूट-फूटकर रोने लगी।

    महेश बाबू ने दी मां को अंतिम विदाई, दादी के पार्थिव शरीर को देखकर फूट-फूटकर रोई बेटी सितारा

    बॉलीवुड के फेमस एक्टर महेश बाबू की मां इंदिरा देवी का निधन हो गया है। एक्टर ने मां ने आज अपनी जिंदगी की डोर तोड़ दी है। काफी दिनों से वो खराब सेहत के चलते अस्पताल में भर्ती थीं। वो बढ़ती उम्र होने की वजह से उन्हें सेहत से जुड़ी काफी परेशानियों हो रही थी। 70 साल की उम्र में एक्टर की मां ने अपनी आखिरी सांस ली। अपनी मां को खोने का सदमा इस वक्त महेश बाबू को काफी बुरी तरह से लगा है। एक्टर महेश बाबू की मां के पार्थिव शरीर को हैदराबाद के महाप्रस्थानम में ले जाया गया जहां पर उन्होंने अपनी मां को मुखाग्नि देंगे। एक्टर अपनी मां को आखिरी विदाई किस से देते हुए दिखाई दिए। इससे जुड़ा वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। 

    एक वीडियो में महेश को बैठे हुए देखा गया था क्योंकि कई हस्तियां महेशा बाबू की मां इंदिरा को श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं। विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, वेंकटेश, नागार्जुन, लक्ष्मी मांचू, मोहन बाबू, और त्रिविक्रम श्रीनिवास सहित अन्य लोग हैदराबाद में महेश के घर पर अंतिम संस्कार में शामिल हुए। वहीं, एक वीडियो में सितारा महेश की गोद में बैठकर बेकाबू होकर रोती हुई नजर आ रही हैं। महेश बाबू ने अपनी बेटी को सांत्वना देने की कोशिश की। सितारा भी टूट गई जब वह अपनी दादी के पास पहुंची, जिनके शरीर को एक कांच के ताबूत के अंदर रखा गया था। नम्रता सितारा को पकड़कर उन्हें दिलासा देती नजर आईं। उन्होंने कई संस्कार भी किए जैसा कि बाकी वीडियो में देखा जा सकता है।

    इसके अलावा इंदिरा की बेटी मंजुला घट्टामनेनी ने भी इंस्टाग्राम पर अपनी मां की एक तस्वीर शेयर की और एक नोट लिखा। उसने लिखा, "प्रिय माँ, आप मेरे पहले गुरु, मेरी नींव और मेरे दिल हैं। आपका प्यार मेरी सुरक्षा रहा है। आप मेरे जीवन का सबसे बड़ा प्रभाव हैं। मेरी माँ केवल देना, देना, देना जानती थी और जीवन भर यहीं करती थी। अपने लिए कुछ नहीं मांगती थी। हमारे बचपन में एक भी दिन ऐसा नहीं गया जब हमने उनकी उपस्थिति को ना याद किया हो। उन्होंने अपने सामान्य निस्वार्थ प्यार के साथ हमारी सभी जरूरतों का ख्याल रखा।"

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